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LAC पर चीन की साजिशों का हुआ खुलासा, सेटेलाइट तस्वीरों ने खोल दी पोल

नई दिल्ली। सीमा विवाद को लेकर मुश्किलों में फंसा चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ जहां एलएसी विवाद को वह बातचीत के जरिए सुलझाने की भारत सरकार से मांग कर रहा है। वहीं दूसरी ओर ड्रैगन धोखेबाजी करने में लगा हुआ है। इस बीच एक बार फिर चीन की साजिशों का बड़ा खुलासा हुआ है। इस बार सेटेलाइट तस्वीरों ने चीन की पोल खोल दी है।

अब गलवान घाटी की ताजा सेटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि चीन गलवान में झड़प की जगह के पास ही बचाव के लिए बंकर बना रहा है। इस जगह पर चीन ने छोटी-छोटी दीवारें और खाई बनाई हैं। इतना ही नहीं सेटेलाइट तस्वीरों से ये भी साफ हो रहा है कि चीन पहाड़ों को काटकर सड़के बना रहा है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने खोल दी ड्रैगन की पोल

इससे पहले पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प को लेकर अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के वरिष्‍ठ जनरल ने अपने सैनिकों को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले का आदेश दिया था। इस हमले में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद से ही भारत और चीन के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गया है। अमेरिकी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन के पश्चिमी थियेटर कमांड के प्रमुख जनरल झाओ जोंगकी ने गलवान घाटी हमले को मंजूरी दी थी।

जनरल झाओ उन कुछ गिने चुने वरिष्‍ठ जनरल में शामिल हैं जो पीएलए में अभी भी सेवा दे रहे हैं। झाओ ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि भारत, अमेरिका और उसके सहयोगियों के शोषण से बचने के लिए चीन को कमजोर नहीं दिखना चाहिए। इस रिपोर्ट से यह स्‍पष्‍ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्‍टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्‍यादा सैनिक हताहत हो गए।

इससे पहले सोमवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने माना कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप हुए इस हिंसक टकराव में चीन के ’20 से कम’ सैनिकों की जान गई। ‘चीन के विशेषज्ञों’ का हवाला देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन ‘सीमा पर तनाव कम करना चाहता है, इसलिए वह अपने सैनिकों के मारे जाने की संख्या का खुलासा नहीं कर रहा है। मारे गए सैनिकों की संख्या 20 से कम है और यह आंकड़ा यदि चीन जारी करता है तो भारत सरकार एक बार फिर दबाव में आ जाएगी।’

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