नई दिल्ली। भारत और इजरायल के संबंधों में एक नए चैप्टर की शुरआत होने वाली है। इससे भारतीय इकॉनमी में सीधे इजरायल से पैसा आने लगेगा। ये कोई छोटी मोटी रकम नहीं होगी बल्कि इसमें सीधे भारतीय अर्थव्यवस्था में मिलियंस ऑफ़ डॉलर आएँगे। इससे जाहिर तौर पर जो विपक्ष मोदी सरकार पर रोजगार को लेकर सवाल खड़े करता है उसे बड़ा झटका लगेगा। मोदी सरकार के इस मेगा प्लान के चलते इजरायल में 10 हजार भारतीयों को रोजगार मिलेगा। दरअसल, कुछ समय पहले भारत और इजरायल के बीच एक एग्रीमेंट किया गया था जिसके तहत 42 हजार भारतीयों को इजरायल में काम करने के लिए वर्किंग वीजा मिलने वाला था। और ये सब किया गया था i-2, U-2, प्लेटफार्म के अंदर। जिसमें i-2 का इसमें मतलब है इंडिया, इजरायल, और U-2 का इसमें मतलब है यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका।
इजरायल इतने ज्यादा भारतीय लोगो को नौकरी क्यों देगा?
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इजरायल इतने ज्यादा भारतीय लोगो को नौकरी क्यों देगा, क्या इजरायल को अपने यहां वर्कर नहीं मिल रहे क्या इजरायल कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू कर रहा है, तो हां ये बात सही है क्योंकि इजरायल आने वाले कुछ सालों में अपने बड़े शहरों जैसे, तेल अवीव, जेरुसलम, में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से बदलने वाला है। इजरायल में बड़े पैमाने पर बड़े बड़े पोर्ट्स, हाइवे, एडवांस्ड एयरपोर्ट्स और ऊंची-ऊंची इमारतें बनने वाली हैं। इजरायल एक लंबे समय से इन सबको लेकर बड़ी प्लानिंग कर रहा है।
Huge agreement with the Indian government: 10 thousand workers on the way to Israel. We are used to Chinese construction workers and Filipino nursing assistants, but soon this is going to change: Huge agreement with #India will bring here 10 thousand new workers, half of them for… pic.twitter.com/f48FF7V2gn
— Eli Dror (@edrormba) May 28, 2023
बड़े प्रोजेक्ट में 30 बिलियन डॉलर का बड़ा खर्चा, अमेरिका की फंडिंग
इतने बड़े प्रोजेक्ट में 30 बिलियन डॉलर का बड़ा खर्चा भी आने वाला है। लेकिन इजरायल जैसा छोटा देश जिसकी आबादी लगभग 1 करोड़ से भी कम है, एरिया के मामले में भी ये देश छोटा है। फिर ये देश इतना बड़े प्रोजेक्ट को कैसे शुरू कर सकता है जिसमें 30 बिलियन डॉलर जितनी बड़ी रकम खर्च होगी। तो इसका जवाब छिपा है उसकी अमेरिका के साथ दोस्ती में। अमेरिका इस पूरे प्रोजेक्ट को बड़े स्केल पर फंड करने वाला है। अमेरिका ने इजरायल के लिए 38 बिलियन डॉलर की मदद का ऐलान कर दिया है। जिसमें से हर साल 2-3 बिलियन डॉलर ये इजरायल को भेजते रहेंगे।
आखिर भारतीय वर्कर ही क्यों ?
हमने ये तो समझ लिया कि इजरायल एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने वाला है इसके लिए भारतीय वर्कर्स की जरूरत है, लेकिन क्या उन्हें अपने पड़ोसियों से वर्कर नहीं मिल रहे थे.. बड़ा सवाल है आखिर भारतीय ही क्यों ? तो आपको बता दें कि अभी तक इजरायल में फिलिस्तीन के डेढ़ लाख वर्कर काम कर रहे थे। लेकिन अब इजरायल इनको हटाकर भारतीयों को नौकरी पर रखने वाला है। इजरायल का इसके पीछे डर ये है कि कहीं फिलिस्तीन का कोई आतंकवादी वर्कर बनकर देश में ना आ जाए। इसी के चलते आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय कुशल कामगारों को इजरायल में अस्थाई तौर पर नौकरी मिलने की राह खुल गई है। 10 मई को दोनो देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है, जिससे शुरुआत में ही 42,000 भारतीय कामगार इजरायल में निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने का मौका मिलेगा