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India Vs Canada: कनाडा में खालिस्तानियों को सरकारी शह का भारत का आरोप साबित हुआ सच!, पीएम जस्टिन ट्रूडो की तारीफ कर दहशतगर्द गुरपतवंत सिंह पन्नू बोला- मुखर होकर कह पा रहे बात

justin trudeau and gurpatwant singh pannun

ओटावा। कनाडा सरकार पर खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने का भारत का आरोप सच साबित हो गया है। आतंकी सरगना और सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का ताजा बयान भारत के आरोपों की पुष्टि कर रहा है। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की तारीफ की है। अपने ताजा बयान में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि जस्टिन ट्रूडो के कारण अब खालिस्तानी अपनी बात मुखर होकर कह पा रहे हैं। पन्नू ने ये भी कहा कि ट्रूडो के कारण अब खालिस्तानियों को डर भी नहीं लग रहा है। बता दें कि ट्रूडो ने पिछले महीने बिना किसी सबूत के भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराने का आरोप लगाया था। जस्टिन ट्रूडो के इस आरोप की वजह से भारत और कनाडा के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं।

भारत की एजेंसियों पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाकर ही ट्रूडो नहीं रुके थे। उनकी सरकार ने भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक को भी निष्कासित किया था। जिसके बाद भारत ने भी कनाडा के एक राजनयिक को निष्कासित किया और फिर कनाडा के नागरिकों को वीजा देना बंद कर दिया। भारत ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद वहां की सरकार से निज्जर की हत्या में अपनी एजेंसियों का हाथ होने संबंधी सबूत भी मांगे थे, लेकिन कनाडा सरकार या ट्रूडो अब तक कोई सबूत नहीं दे सके हैं। भारत ने पिछले दिनों कुछ श्रेणी के कनाडा नागरिकों के वास्ते वीजा सेवा दोबारा शुरू की है, लेकिन अब भी दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नहीं हुए हैं। इस बीच, कनाडा में कई जगह खालिस्तान के पक्ष में जनमत संग्रह कराने का काम एक बार फिर आतंकियों ने किया है। इस पर अभी भारत या कनाडा की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली का भी मंगलवार को बयान आया था कि वो भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क में हैं। हालांकि, जोली के बयान से पहले जयशंकर ने कई मंचों से साफ तौर पर कनाडा को घेरा था। जयशंकर ने कहा था कि कनाडा में भारतीय उच्चायोग के स्टाफ और राजनयिकों को खालिस्तानी और भारत विरोधी तत्वों से बहुत खतरा है। दरअसल, सिख्स फॉर जस्टिस ने भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाकर उनका पता बताने वाले को 10-10 हजार डॉलर का इनाम देने का एलान किया था। भारत ने ये मसला भी कनाडा के सामने उठाया था, लेकिन कनाडा ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।

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