ओटावा। भारत पर निज्जर की हत्या कराने का आरोप लगाने के बाद अब कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार दोनों देशों के संबंधों को और खराब करने वाले कदम उठा रही है। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार की पुलिस ने भारतीय उच्चायोग के कैंपों को सुरक्षा देने से हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। पिछले दिनों कनाडा की पुलिस ने ब्रैम्पटन में भारतीय उच्चायोग के कैंप को सुरक्षा देने से मना कर दिया था। अब 17 नवंबर को ब्रैम्पटन में लगने वाले कैंप को भी कनाडा की पुलिस ने ये कहकर सुरक्षा देने से इनकार किया कि यहां हिंसा की प्रबल आशंका है। भारतीय उच्चायोग का ये कैंप ब्रैम्पटन के मंदिर में लगने वाला था। कनाडा पुलिस से सुरक्षा न मिलने के कारण कैंप को रद्द करना पड़ा है।
बीते दिनों ही ब्रैम्पटन के मंदिर में भारतीय उच्चायोग ने कैंप लगाया था। वहां खालिस्तानी समर्थकों ने पहुंचकर हिंदुओं की जमकर पिटाई की थी। यहां तक कि मंदिर आई महिलाओं और बच्चों तक को उन्होंने नहीं बख्शा था। हमलावरों में कनाडा पुलिस का एक सिख अफसर भी था। इसके बाद हिंदू समुदाय ने ब्रैम्पटन समेत कनाडा के कई शहरों में जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद से ही कनाडा की पुलिस ने भारतीय उच्चायोग के कैंपों को सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार करने का पैंतरा अपनाया है। बता दें कि भारत और कनाडा में 2023 से ही तनातनी चल रही है। इसकी वजह ये है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने बगैर किसी सबूत के भारत पर आरोप लगाया है कि उसकी एजेंसियों ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की सरे में हत्या कराई।
भारत और कनाडा के बीच दशकों से दोस्ताना रिश्ते रहे, लेकिन जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद ये इतने बिगड़े हैं कि भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और 5 अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने के साथ ही दिल्ली स्थित कनाडा के कार्यकारी उच्चायुक्त और 5 राजनयिकों को भी निष्कासित किया है। भारत ने इससे पहले सुरक्षा को खतरा देखते हुए कनाडा में वीजा भी जारी करना बंद कर दिया था। बीते दिनों ही ट्रूडो ने दिवाली कार्यक्रम में माना कि कनाडा में खालिस्तानी समर्थक हैं। इससे पहले अपने देश के आयोग के सामने वो मान चुके हैं कि भारत को निज्जर हत्या में सबूत नहीं दिए, बल्कि खुफिया जानकारी ही साझा की थी।