नई दिल्ली। फिल्म दंगल आने के बाद ये कहावत बहुत मशहूर हो गई है कि हमारी बेटियां, बेटों से कम नहीं है। देश की बेटियां देश में रहकर नाम रोशन करे तो दिल खुश हो जाता है लेकिन वहीं बेटियां विदेश की धरती पर नाम रोशन करें तो उसकी बात की कुछ और होती है। भारतीय मूल की मनप्रीत मोनिका सिंह ने विदेश की धरती पर ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे सुनकर आपका दिल खुश हो जाएगा। मनप्रीत मोनिका सिंह अमेरिका की पहली भारतीय सिख महिला जज बनी हैं और उन्होंने हैरिस काउंटी न्यायाधीश के रूप में शपथ भी ली है।
मोनिका बनी अमेरिका की पहली भारतीय सिख महिला जज
मोनिका भारतीय मूल की हैं लेकिन उनका जन्म,पालन-पोषण और शिक्षा सभी कुछ ह्यूस्टन में ही हुआ। खास बात ये है कि उनकी शादी हो चुकी है और उनके दो बेटे भी हैं और वो ब्लेयर में रहती हैं। घर की जिम्मेदारियों के साथ ही मोनिका ने अपना सपना भी पूरा किया। बताया जा रहा है कि मोनिका के पिता 1970 में ही अमेरिका आकर बस गए थे, जिसके बाद से उन्होंने यहीं रहकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया। ह्यूस्टन से पढ़कर मोनिका ने अपना सपना पूरा किया। मोनिका के पास पहले से ही बतौर वकील 20 साल एक्सपीरियंस है। वो नागरिक अधिकार संगठनों में शामिल रही है और मानव अधिकारों के लिए लड़ती रही हैं।
मोनिका ने जाहिर की खुशी
आज मोनिका जज बन गई हैं। उन्होंने टेक्सास में लॉ नंबर 4 में हैरिस काउंटी सिविल कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया है। अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मैं इस दिन का बरसों से इंतजार कर रही थी, मेरे लिए ये बहुत मायने रखता है, मैं आज बहुत खुश हूं। वहीं दक्षिण एशियाई न्यायाधीश, भारतीय-अमेरिकी न्यायाधीश ने कहा कि ये पल सिख समुदाय के लिए गर्व का पल है। मोनिका पहले से ही मानव अधिकारों के लिए लड़ती आई हैं और अब वो आगे भी लड़ेंगी।