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Canada Changes Tone On India: ‘भारत की एकता और अखंडता का सम्मान करना होगा’, मोदी सरकार के दबाव के बाद कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार के बदले सुर, खालिस्तान आंदोलन को अलगाववादी भी बताया

modi and justin trudeau

ओटावा। मोदी सरकार के लगातार दबाव का असर कनाडा पर होता दिख रहा है। कनाडा के विदेश उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने कहा है कि भारत एक है और उसकी अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। कनाडा के विदेश मंत्री ने विदेश मामलों के आयोग के सामने 4 अक्टूबर को जस्टिन ट्रूडो सरकार की नीति रखी। जस्टिन ट्रूडो सरकार के विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने माना कि पंजाब में अलग से खालिस्तान देश बनाने के लिए अलगाववादी आंदोलन चल रहा है।

कनाडा के विदेश उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने खालिस्तान के मसले पर भी अहम बयान दिया है।

उन्होंने ये भी कहा कि कनाडा समेत कई देशों में खालिस्तान की स्थापना के संबंध में मांग उठ रही है। कनाडा के मंत्री ने कहा कि खालिस्तान की मांग ने पिछले कुछ साल में जोर पकड़ा है। जस्टिन ट्रूडो सरकार के मंत्री ने आयोग के सामने माना कि 2023 में कनाडा सरकार की तरफ से भारत पर आरोप लगाने के बाद मोदी सरकार ने 41 राजनयिकों को दिल्ली से निकालने का फैसला किया। डेविड मॉरिसन ने कहा कि कनाडा और भारत सदियों पुराने सहयोगी हैं, लेकिन जस्टिन ट्रूडो ने जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद जो आरोप लगाए, उनकी वजह से दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए। जस्टिन ट्रूडो सरकार के मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर बड़ा खिलाड़ी है और कनाडा की सरकार अपनी नीति में इस बात को ध्यान में रखती है। कनाडा के मंत्री ने कहा कि दोनों देश व्यापार बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे थे, लेकिन हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के कारण इसमें बाधा आई। उन्होंने विदेश मामलों के आयोग के सामने कहा कि कनाडा की सरकार मसलों को ठीक करने में लगी है।

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत की एजेंसियों पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराने का आरोप लगाया था। जिसके बाद भारत से उनके देश के रिश्ते बिगड़े।

कनाडा में 2022 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की सर्रे शहर में हत्या हो गई थी। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो जब 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेकर दिल्ली से ओटावा पहुंचे, तो उन्होंने अपने यहां की संसद में खड़े होकर ये आरोप लगाया कि भारत की एजेंसियों ने निज्जर की हत्या कराई। इसी पर भारत और कनाडा के बीच रिश्ते खराब हुए। भारत ने लगातार जस्टिन ट्रूडो की सरकार से सबूत मांगा कि निज्जर की हत्या में सरकारी एजेंसियों का हाथ साबित करे, लेकिन आज तक ट्रूडो सरकार ये सबूत दे नहीं सकी है। निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा में 3 भारतीय आप्रवासी गिरफ्तार भी किए गए हैं, लेकिन इनका भारत की किसी भी एजेंसी से रिश्ता तक सामने नहीं आया है।

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