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Attack: काबुल के गुरुद्वारा ‘करते परवान’ पर आतंकी हमला, कई सिखों के मारे जाने की आशंका

अफगानिस्तान में पहले हिंदुओं और सिखों की काफी आबादी थी। हिंदू और सिख मूल रूप से वहां व्यापार करते थे। फिर जेहादियों के कंट्रोल में आने के बाद हमले होने लगे। इससे दोनों समुदायों के तमाम लोगों की जान गई। हजारों लोग भागकर भारत आ गए। अभी अफगानिस्तान में कुछ सौ ही सिख और हिंदू बचे हुए हैं।

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काबुल। आतंकियों ने आज सुबह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ‘करते परवान गुरुद्वारा’ पर हमला किया। आतंकी गुरुद्वारा में घुस आए और कई बम फेंके। इसके अलावा उन्होंने फायरिंग भी की। हमले के बीच कुछ लोग गुरुद्वारा से सकुशल बाहर निकल सके। हालांकि, खबर लिखे जाने तक वहां और लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है। आतंकी हमले में तमाम लोगों के मारे जाने की आशंका है। इससे पहले भी काबुल और अफगानिस्तान में कई जगह गुरुद्वारों और सिख पंथ को मानने वालों को आतंकी अपना शिकार बना चुके हैं। साल 2018 में काबुल के ही एक गुरुद्वारा में आतंकियों ने 27 सिखों की हत्या कर दी थी।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां हालात लगातार खराब हो रहे हैं। राजधानी काबुल भी सुरक्षित नहीं रह गया है। तालिबान के कब्जे के बाद वहां से तमाम सिख गुरुग्रंथ साहिब को लेकर भारत भी आए थे। मोदी सरकार ने वहां से सिखों और हिंदुओं को भारत लाने के लिए विशेष फ्लाइट्स भी चलाई थीं। मोदी सरकार के मंत्री हरदीप पुरी ने उस वक्त काबुल से आए सिखों और गुरुग्रंथ साहिब का सत्कार करते हुए उन्हें भारत के गुरुद्वारों में स्थापित किया था।

अफगानिस्तान में पहले हिंदुओं और सिखों की काफी आबादी थी। हिंदू और सिख मूल रूप से वहां व्यापार करते थे। फिर जेहादियों के कंट्रोल में आने के बाद हमले होने लगे। इससे दोनों समुदायों के तमाम लोगों की जान गई। हजारों लोग भागकर भारत आ गए। अभी अफगानिस्तान में कुछ सौ ही सिख और हिंदू बचे हुए हैं। इनकी ज्यादातर संख्या काबुल में ही है। जबकि, पहले गजनी और अन्य शहरों में सिख और हिंदू काफी तादाद में रहा करते थे।

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