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साउथ कोरिया को किम जोंग की बहन ने दी धमकी, सरकार विरोधी बलून भेजना बंद करे नहीं तो करेंगे सैन्य कार्रवाई

Kim Yo Jong Sister Kim jong Un

नई दिल्ली। नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच रिश्ते एक बार फिर बिगड़ते नजर आ रहे हैं। इस बार हालांकि नॉर्थ कोरिया की तरफ से साउथ कोरिया को धमकी सनकी तानाशाह किम जोंग उन की बहन ने दी है। किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने साउथ कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसकी सीमा से देश विरोध गुब्बारे उड़ाने के सिलसिला नहीं थमा तो उनकी तरफ से सैन्य कार्रवाई की जाएगी।

किम यो ने दक्षिण कोरिया से सटी सीमा से सरकार विरोधी पर्चे भेजे जाने पर शनिवार को नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारी ये पर्चे बलून में भरकर भेज रहे हैं। किम यो ने कहा कि अगर दक्षिण कोरिया अपने प्रदर्शनकारियों को ऐसा करने से नहीं रोकता है तो मेरी सेना कार्रवाई करेगी।

आपको बता दें कि किम यो जोंग ने सियोल की निंदा करते हुए कहा कि, ‘मुझे लगता है कि साउथ कोरिया अथॉरिटी को तोड़ने का यह सबसे सही समय है। हम जल्द एक्शन लेंगे।’

किम यो जोंग ने कहा, ‘सुप्रीम लीडर, हमारी पार्टी और राज्य, देश की ओर से दी गई शक्तियों का इस्‍तेमाल करते हुए मैं हथियार संबंधी विभाग के प्रभारी को ये निर्देश देती हूं कि वो अगली कार्रवाई के रूप में शत्रु के खिलाफ जोरदार कार्रवाई करें।’ यो जोंग ने आगे कहा, ‘दुश्मन के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय हमारी आर्मी के जनरल स्टाफ करेंगे।’

7 जून से लेकर अब तक उत्तर कोरिया में 5 लाख बलून छोड़े गए हैं। इनमें किम जोंग उन की ओर से दी जाने वाली परमाणु हमले की आलोचना करने वाले पर्चे होते हैं। इसके अलावा, इनमें उत्तर कोरिया में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन पर सवाल उठाए जाते हैं। उत्तर कोरिया ने इस पर कई बार आपत्ति जताई है। वहीं, दक्षिण कोरिया का दावा है कि वह पर्चे भेजने वाले प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है।

पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। उत्तर कोरिया ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया से सभी तरह का संपर्क बंद करने का ऐलान किया था। उत्तर कोरिया ने कहा था, ‘हम दक्षिण कोरिया से जुड़ी हॉटलाइन समेत सभी कम्युनिकेशन लाइनें बंद कर रहे हैं। वो अब हमारा दुश्मन देश है। दक्षिण कोरिया हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने वालों को नहीं रोक पाया।’

इससे पहले किम यो जोंग ने अलगाववादियों को ‘धरती का कीड़ा’ बताते हुए कहा था, ‘उन्होंने अपनी मातृभूमि को धोखा दिया है। ये वक्त है कि उनके मालिकों (दक्षिण कोरिया की सरकार) की जवाबदेही तय की जाए।’

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