यरुशलम/अंकारा। आतंकी संगठन हमास के खिलाफ इजरायल ने जंग और तेज कर दी है। टैंकों का सहारा लेकर गाजा में हमास आतंकियों का खात्मा करने घुसे इजरायल के सैनिकों ने वहां अपने देश का झंडा फहरा दिया। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू ने एलान भी किया है कि हमास के खिलाफ जंग अब दूसरे चरण में जा चुका है और ये लंबे वक्त तक चलने वाला कठिन युद्ध साबित होगा। देखिए, गाजा पर इजरायल ने किस तरह झंडा फहराया।
Israel flags come up in the Gaza Strip #ITVideo #Gaza #IsraelHamasWar | @aishpaliwal pic.twitter.com/rvM2bBrunm
— IndiaToday (@IndiaToday) October 29, 2023
वहीं, हमास पर इजरायल के हमलों में पश्चिमी देशों का साथ मिलने से नाटो के सदस्य तुर्किए ने उनको अब क्रूसेड की धमकी दी है। अंकारा में एक रैली में तुर्किए के राष्ट्रपति रेसिप तैयप अर्दोआं ने पश्चिमी देशों को क्रूसेड की धमकी दी। रेसिप तैयप अर्दोआं ने शनिवार को फिलिस्तीन के पक्ष में एक रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि गाजा में फिलिस्तीन के नागरिकों की हत्या की जा रही है और इसमें पश्चिमी देशों का सीधा हाथ है। तुर्किए के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि न्याय कहां हो रहा है? अर्दोआं ने आगे कहा कि अगर गाजा में नरसंहार न रुका, तो एक बार फिर क्रूसेड युद्ध शुरू हो जाएगा।
🇹🇷Erdogan and the Last Crusade
Hey West, I’m talking to you! Do you want a war between the cross and the crescent?
Every country has the right to self-defense, but where is the justice? There is a massacre in Gaza!
We will declare Israel a war criminal, we are already working… pic.twitter.com/6ZjdljRuiE
— Tony (@Cyberspec1) October 28, 2023
तुर्किए के राष्ट्रपति ने रूस और यूक्रेन की जंग का उदाहरण दिया। रेसिप तैयप अर्दोआं ने कहा कि एक तरफ पश्चिमी देश यूक्रेन में लोगों की मौत पर आंसू बहाते हैं। वहीं, गाजा में जारी नरसंहार की तरफ से आंखें मूंदे बैठे हैं। अर्दोआं ने आरोप लगाया कि इजरायल क्रूसेड जैसा माहौल बना रहा है और वो ईसाइयों को मुस्लिमों के खिलाफ इकट्ठा कर रहा है। इससे पहले अर्दोआं ने हमास को आतंकी संगठन मानने से भी इनकार कर दिया था। तुर्किए के राष्ट्रपति ने हमास को अपनी जमीन और फिलिस्तीन की जनता की रक्षा करने वाला संगठन बताया था। जिस पर संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के दूत गिलाड अर्दोन ने पलटवार करते हुए अर्दोआं के लिए कहा था कि सांप हमेशा सांप ही रहेगा।
अब आपको बताते हैं कि तुर्किए के राष्ट्रपति रेसिप तैयप अर्दोआं ने जिस क्रूसेड की धमकी दी है, वो आखिर है क्या। दरअसल, यरुशलम पर कब्जे के लिए साल 1095 से 1291 तक ईसाइयों और मुस्लिमों के बीच युद्ध हुआ था। ईसा मसीह की समाधि को कब्जे में लेने के लिए ईसाइयों ने मुस्लिमों के खिलाफ इस दौरान 7 बार युद्ध लड़ा था। हाथ में दोनों पक्षों के तलवारें थीं। ईसाई सैनिक इस क्रूसेड यानी धर्मयुद्ध के दौरान अपने हाथ में सलीब यानी क्रूस का प्रतीक लेकर मुस्लिमों के खिलाफ युद्ध लड़ते थे। जहां आज इजरायल है, वहीं ये क्रूसेड हुआ था और फिर ईसाइयों ने यरुशलम पर कब्जा कर लिया था। दरअसल, यरुशलम में मुस्लिम कहते हैं कि उनकी पवित्र अल-अक्सा मस्जिद है। वहीं, ईसाई यहां ईसा मसीह के पुनर्जीवित होना मानते हैं। जबकि, यहूदी कहते हैं कि यहां उनका मंदिर था। जिसे तोड़ दिया गया। उस मंदिर की पश्चिमी दिशा में बने वेस्टर्न वॉल की पूजा यहूदी करते हैं।