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Mark Carney Vision Towards India: जस्टिन ट्रूडो के जमाने में भारत-कनाडा के बिगड़े रिश्ते क्या पटरी पर ला सकेंगे मार्क कार्नी?, जानिए क्या बोले

Mark Carney Vision Towards India: जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि उसकी एजेंसियों ने कनाडा के सर्रे में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराई। ट्रूडो ने भारत में जी20 देशों के शिखर सम्मेलन से लौटने के बाद ही कनाडा के संसद में ये बयान दिया था। भारत तभी से कह रहा है कि कनाडा की सरकार आरोप के बारे में पुख्ता सबूत दे, लेकिन जस्टिनि ट्रूडो की सरकार आज तक सबूत नहीं दे सकी है।

ओटावा। मार्क कार्नी अब कनाडा के पीएम होंगे। मार्क कार्नी को जस्टिन ट्रूडो की जगह कनाडा की लिबरल पार्टी ने अपना नेता चुना है। अब चर्चा इसकी है कि कनाडा के नए पीएम के तौर पर मार्क कार्नी क्या भारत से रिश्ते सुधारेंगे? दरअसल, जस्टिन ट्रूडो की तरफ से भारत पर अनाप-शनाप आरोप लगाए जाने के कारण भारत और कनाडा के बीच रिश्ते सबसे खराब दौर में पहुंचे हैं। मार्क कार्नी ने भारत के बारे में अपनी राय पहले रखी थी। लिबरल पार्टी का नेता चुने जाने से पहले मार्क कार्नी ने कहा था कि वो भारत से व्यापारिक रिश्ते बेहतर करना चाहते हैं। मार्क कार्नी ने मीडिया से कहा था कि कनाडा के पास फिर भारत से रिश्ते बनाने का मौका है। ऐसे में देखना होगा कि भारत के प्रति मार्क कार्नी का रवैया बदलता है या नहीं?

जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि उसकी एजेंसियों ने कनाडा के सर्रे में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराई। ट्रूडो ने भारत में जी20 देशों के शिखर सम्मेलन से लौटने के बाद ही कनाडा के संसद में ये बयान दिया था। भारत तभी से कह रहा है कि कनाडा की सरकार आरोप के बारे में पुख्ता सबूत दे, लेकिन जस्टिनि ट्रूडो की सरकार आज तक सबूत नहीं दे सकी है। वहीं, कनाडा की पुलिस ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के सिलसिले में 3 युवकों को गिरफ्तार किया है, लेकिन अब तक भारत की किसी एजेंसी से इनकी संलिप्तता नहीं मिली है। कुल मिलाकर जस्टिन ट्रूडो का आरोप अब तक गलत ही साबित होता रहा है।

जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में भारत के खिलाफ आरोप लगाए थे।

जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद भारत और कनाडा में रिश्ते इतने बिगड़े कि मोदी सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए काफी वक्त तक कनाडा के लोगों को वीजा देना बंद कर दिया था। इसके अलावा भारत ने दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग से 5 राजनयिकों को निष्कासित भी कर दिया था। इसके बाद कनाडा ने भी भारत के राजनयिकों को निष्कासित किया। वहीं, कनाडा में भारत के उच्चायुक्त और अन्य स्टाफ पर खालिस्तानी खतरा भी बन गए थे। इसके बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा को कनाडा से वापस भी बुला लिया था।

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