नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा. मनसुख मंडाविया ने विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निशाना साधा और कोरोना मौत को लेकर जो आंकड़े जारी किए गए उस पर भी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि कोरोना से हुए मौत के आंकड़े जो संगठन ने भारत के लिए जारी किए थे वे काफी निरााश करने वाले थे। मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत इस पर चिंता जाहिर करता हैं कि WHO द्वारा INDIA’S STATUTORY AUTHORITY कोरोना मौत को दरकिनार किया गया है।
मंडाविया ने जताई चिंता
केन्द्रीय मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद द्वारा सर्वसम्मति के साथ एक प्रस्ताव पारित किया गया हैं। जहां पर WHO के आंकड़ों पर निराशा जताई गई हैं। इन सब के अलावा मनसुख मंडाविया ने सभा को संबोधित करते हुए पूरी दुनिया के सामने प्रधानमंत्री मोदी का विजन भी पेश किया। उन्होंने कहा कि इस समय ग्लोबल चेन को हम सबको मिलकर मजबूत करने की जरूरत है। जिससे सबको समान रूप से वैक्सीन और दवाइयां पहुंच सके। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि डब्ल्यूएचओ की अनुमोदन प्रक्रिया को सुनिश्चित करना भी जरूरी हैं।
मनसुख मंडाविया ने विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन को आईना दिखाने का काम किया#WHO #COVID19 #COVIDdeaths | @Milan_reports
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Who की रिपोर्ट पर जताई चिंता
डब्ल्यूएचओ ने 5 मई को जारी एक रिपोर्ट में ये बताया कि दुनियाभर में बीते दो साल में कोरोना वायरस या स्वास्थ्य प्रणालियों पर इसके असर के कारण करीब डेढ़ करोड़ लोग मारे गए। ये संख्या 60 लोगों के मौत के आधिकारिक आंकड़ों से दो गुना अधिक हैं। दुनियाभर में कोविड मौत मामलों का एक तिहाई हैं। केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने कहा कि भारत डब्ल्यूएचओ के हालिया बयान पर निरााश और चिंता व्यक्त करता है, भारत के वैधानिक प्राधिकरण की ओर से प्रकाशित देश विशिष्ट प्रामाणिक आंकड़े की अवहेलना की गई। भारत और अन्य देशों की ओर से जताई गई चिंता की अनदेखी करते हुए, जिस तरह से डब्ल्यूएचओ ने मृत्यु दर पर रिपोर्ट तैयार की थी, उस पर भारत अपनी निराशा व्यक्त करना चाहता है।