तेहरान। ईरान में अयातुल्लाह अली खामनेई के बेटे मोजतबा खामनेई को देश का नया सुप्रीम लीडर चुने जाने की खबर है। मीडिया की खबरों के मुताबिक 26 सितंबर को अयातुल्लाह अली खामनेई ने 86 मौलवियों वाले असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें सभी ने मोजतबा खामनेई को ईरान का नया सुप्रीम लीडर बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी। मोजतबा खामनेई का नाम ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत के मामले में भी आया था। बताया जा रहा है कि मोजतबा खामनेई के करीबी लोग ईरान की सरकारी और खुफिया एजेंसियों में हैं। उनकी पकड़ ईरान की सरकार और उसकी नीतियों पर है। इसी वजह से मोजतबा खामनेई को अयातुल्लाह अली खामनेई ने अपना वारिस बनाया है।
मोजतबा खामनेई अपने पिता के दूसरे बेटे हैं। उनका जन्म 1969 में ईरान के मोशहद में हुआ था। मोजतबा खामनेई ने धर्मशास्त्र पढ़े हैं। 1999 में वो मौलवी बने। इससे पहले 1987-88 में वो इराक से हुए युद्ध में भी शामिल रहे। 2009 में ईरान में हुए विरोध प्रदर्शनों को कुचलने में उनका हाथ होने की खबर आई थी। उनके पिता अयातुल्लाह अली खामनेई ने बीते 35 साल से ईरान की सत्ता की चाबी अपने हाथ रखी। ईरान में सुप्रीम लीडर के निर्देश पर ही सरकार काम करती है। किसी भी नेता को सुप्रीम लीडर की राय से अलग विचार देने का भी हक नहीं है। अयातुल्लाह अली खामनेई 85 साल के हैं। उनकी तबीयत भी खराब रहती है। बीते दिनों ऐसी चर्चाएं थीं कि अयातुल्लाह अली खामनेई हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर हैं। हालांकि, ईरान की सरकार की तरफ से इन खबरों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी।
अयातुल्लाह अली खामनेई को अंतिम बार 1 अक्टूबर 2024 को सार्वजनिक तौर पर देखा गया था। उस दिन ईरान ने इजरायल पर 200 से ज्यादा मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया था। अयातुल्लाह अली खामनेई ने इस हमले के बाद तेहरान की सबसे बड़ी मस्जिद में अपने हाथ में रायफल लेकर लोगों को संबोधित किया था और इजरायल को मिटा देने की अपनी कसम दोहराई थी। अयातुल्लाह अली खामनेई से पहले अयातुल्लाह खुमैनी ईरान के सुप्रीम लीडर थे। खुमैनी ने ईरान में शाह रजा पहलवी की सत्ता को क्रांति के जरिए पलटा था। इसी के बाद से ईरान की दुश्मनी अमेरिका और इजरायल से बढ़ी। खुमैनी के दौर में ईरान ने अमेरिका के राजनयिकों को भी बंधक बना लिया था। ईरान को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश शैतान तक बता चुके हैं। वहीं, इजरायल लगातार आरोप लगाता है कि ईरान हमास और हिजबुल्लाह को समर्थन देकर उसके यहां आतंकी हमले कराता है। यमन के हूती विद्रोहियों को भी ईरान समर्थन देता है। अब सबकी नजर इस पर है कि मोजतबा खामनेई के सुप्रीम लीडर बनने के बाद ईरान की विदेश नीति में कोई बदलाव होता है या ये पहले जैसी ही रहती है।