नई दिल्ली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की इच्छा पूरी हो गई। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बिम्सटेक समिट से इतर मोदी और यूनुस की बैठक हुई। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद पहली बार पीएम नरेंद्र मोदी से मोहम्मद यूनुस मुलाकात हो रही है जो कई मायनों में अहम है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पिछले कुछ समय से बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्तों में आई तल्खी के बाद अब दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होंगे।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | PM Narendra Modi and Bangladesh Chief Advisor Muhammad Yunus hold a meeting in Bangkok, Thailand <a href=”https://t.co/4POheM34JJ”>pic.twitter.com/4POheM34JJ</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1908040947587219571?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 4, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
मोहम्मद यूनुस पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना चाह रहे थे। इसके लिए बांग्लादेश की तरफ से भारत सरकार को पत्र भी भेजा गया था लेकिन उन्हें मोदी से मुलाकात का समय नहीं मिल सका। अब जब दोनों नेता बिम्सटेक समिट के लिए थाईलैंड में मौजूद हैं तो एक बार फिर बांग्लादेश की ओर से पीएम मोदी के साथ मोहम्मद यूनुस की बैठक के लिए अनुरोध किया गया जिसको भारत ने स्वीकार कर लिया। इससे पहले कल हुए रात्रिभोज में भी मोदी और यूनुस को अगल-बगल बैठे देखा गया था।
मोदी से यूनुस की मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख चीन के दौरे से लौटे हैं। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को लेकर कहा था चिकन नेक पर चीन का कब्जा होना चाहिए। हालांकि भारत ने इस बात का पुरजोर तरीके से विरोध किया था। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर वहां से भाग निकलीं और उन्होंने भारत में शरण के लिए मोदी से गुजारिश की। मोदी सरकार ने उन्हें भारत में शरण दे दी तब से वो यहीं है। उधर बांग्लादेश कई बार शेख हसीना को सौंपने की मांग उठा चुका है मगर भारत ने उसकी मांग को दरकिनार कर दिया। वहीं बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के कारण भी दोनों देशों में कड़वाहट आई है।