News Room Post

Tahawwur Rana To Be Extradited To India: मुंबई आतंकी हमले 2008 के दोषी तहव्वुर राणा को लाया जाएगा भारत, अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

Tahawwur Rana To Be Extradited To India: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 में मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले में शामिल रहे तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। तहव्वुर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। तभी से वो वहां की जेल में है। उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों के लिए रेकी की थी। डेविड कोलमैन हेडली से पहले ही भारतीय जांच एजेंसियां अमेरिका जाकर पूछताछ कर चुकी हैं।

tahawwur rana

वॉशिंगटन। भारत के लिए बड़ी खबर है। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने साल 2008 में मुंबई में हुए भयानक आतंकी हमले में शामिल रहे तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। तहव्वुर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। तभी से वो वहां की जेल में है। उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली ने मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों के लिए रेकी की थी। डेविड कोलमैन हेडली से पहले ही भारतीय जांच एजेंसियां अमेरिका जाकर पूछताछ कर चुकी हैं।

अमेरिका में कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट ने 15 अगस्त 2024 को तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के पक्ष में फैसला सुना दिया था। तहव्वुर राणा पाकिस्तान का मूल नागरिक है और कनाडा में बिजनेस करता था। उसने भारत प्रत्यर्पण के पक्ष में कैलिफोर्निया में जिला कोर्ट के आदेश के खिलाफ अमेरिका में ऊंची अदालत में अर्जी दी थी। कैलिफोर्निया की अदालत ने तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका नामंजूर कर दी थी। इस याचिका में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के संबंध में भारत प्रत्यर्पित किए जाने के मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई थी। यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट के फैसले के तहत पैनल ने माना कि तहव्वुर राणा पर लगे आरोप भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के तहत आते हैं।

सीएसटी स्टेशन पर कहर बरपाने वाले आतंकी अजमल आमिर कसाब की फाइल फोटो

मुंबई में 2008 की 26 नवंबर को हुए भीषण आतंकी हमले का आरोप पाकिस्तान के संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर है। इस आतंकी हमले में 166 लोगों की जान गई थी। जबकि, दर्जनों अन्य घायल हुए थे। मृतकों में अमेरिका के भी 6 नागरिक थे। आतंकी हमला इतना भीषण था कि 9 दहशतगर्दों को मार गिराने में सुरक्षा बलों को 60 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा था। इस हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा जा सका था। मुंबई पुलिस के वीर कॉन्सटेबल तुकाराम ओंबले ने खुद शहीद होकर भी कसाब को पकड़ लिया था। उस पर केस चलाकर फांसी दी गई थी।

Exit mobile version