नई दिल्ली। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। शेख हसीना के अलावा भी इस केस में कई अन्य प्रतिष्ठित लोगों को आरोपी बनाया गया है। यह मामला बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर शुरू हुए आंदोलन से जुड़ा हुआ है। ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार आरक्षण के विरोध में जब बांग्लादेश में स्टूडेंट्स का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 19 जुलाई को राजधानी ढाका के मोहम्मदपुर इलाके में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की थी। पुलिस की गोलीबारी में मोहम्मदपुर में किराना की दुकान चलाने वाले अबू सईद की मौत हो गई थी। इसी मामले में शेख हसीना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया गया है।
मृतक अबू सईद की रिश्तेदार आमिर हमजा शातिल की तरफ से ये मुकदमा ढाका मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राजेश चौधरी की अदालत में दर्ज कराया गया है। शेख हसीना के अलावा इस केस में उन्हीं की पार्टी अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून, डिटेक्टिव ब्रांच के पूर्व चीफ हारुनोर रशीद, डीएमपी पुलिस के पूर्व आयुक्त हबीबुर रहमान और डीएमपी के पूर्व संयुक्त आयुक्त बिप्लब कुमार सरकार को आरोपी बनाया गया है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद जान बचाकर भागीं शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृहमंत्री एम. सखावत हुसैन ने कल ही कहा है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर बैन लगाने का कोई इरादा नहीं है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के इस ऐलान को शेख हसीना के लिए बड़ी राहत माना जा रहा था। इस आदेश के बाद यह भी कहा जा रहा है कि शेख हसीना को एक बार फिर अपने वतन बांग्लादेश लौटकर चुनावों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा, मगर अब उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है, जिससे उनके सामने नई परेशानी खड़ी हो गई है।