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बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान बवाल मचाने वाले का हो गया पर्दाफाश, पूजा पंडाल में रख दिया था मजहबी किताब ताकि भड़क सके हिंसा

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में साम्प्रदायिक तनाव फैला है। हिन्दुओं को जमकर निशाना बनाया जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। घरों को जलाया जा रहा है। लेकिन बांग्लादेश की सरकार इस हिंसा को रोकने में नाकायाब दिखाई दे रही थी। हालांकि यूएन और यूएस की तरफ से इस हिंसा को लेकर आलोचना की गयी तब सरकार ने थोड़ा सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई शुरू की। बांग्लादेश की पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है जिसकी हरकत की वजह से बांग्लादेश में इतनी बड़ी हिंसा फैली!

दरअसल नवरात्रि के दौरान एक दुर्गा पंडाल में कुरआन के अपमान की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसके बाद हिंसा फैली। आधिकारिक रूप से इस हिंसा में करीब 7 लोग मारे गये हैं लेकिन खबरों की मानें तो मरने की संख्या और अधिक हो सकती है! हालांकि सबसे चौकाने वाली खबर जो सामने आई है वो ये है कि कुरआन को दुर्गा पंडाल में लाकर रखने वाला कोई हिन्दू नहीं था बल्कि वो एक मुसलमान है। जिसकी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। पुलिस ने दुर्गा पूजा पंडाल के बाहर लगाए गए निगरानी कैमरे से इकबाल की पहचान कर ली है। वहीं कमिला जिले के एसपी फारुक अहमद ने कहा कि इकबाल आवारा टाइप का युवक है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध है या नहीं।

कमिला जिले में फैली हिंसा के बाद अब तक 4 मामले दर्ज किए गए हैं और कम से कम 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 4 लोग इकबाल से जुड़े हुए हैं। वहीं बांग्लादेश के गृहमंत्री असादुज्‍जमान खान कमाल ने कहा कि आरोपी इकबाल फरार है और लगातार अपनी जगह बदल रहा है इसलिए पुलिस की पकड़ से बच जा रहा है। खबरों की मानें तो पूरे बांग्‍लादेश में भड़की हिंसा के संबंध में अबतक कुल 450 लोगों को अरेस्‍ट किया गया है। यही नहीं सांप्रदायिक हिंसा के 72 मामले भी दर्ज किए गए हैं।

यहां आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा उस वक्त फैली थी, जब एक दुर्गा पांडाल में कुरआन की अपमान की कुछ तस्वीरें वायरल हुई थी। जिस पांडाल में कुरआन मिला था, वहां के लोग कहते रह गये कि कुरआन हमारे पांडाल में कहाँ से आया, हमें कुछ नहीं पता। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हुई कुरआन के अपमान की तस्वीरों को देखकर हंगामा मच गया और हिंसा फ़ैल गयी थी! हालांकि अब इस हिंसा में साजिश साफ़ दिखने लगी है।

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