यरुशलम। इजरायल में एक बार फिर संसदीय चुनाव का खाका खिंच गया है। चुनाव यहां जल्दी ही कराए जा सकते हैं। इसकी वजह ये है कि पीएम नफ्ताली बेनेट की सरकार अल्पमत में आ गई है। बेनेट के दफ्तर की ओर से सोमवार को बताया गया कि अब गठबंधन की सरकार भंग की जा रही है और देश में नए सिरे से चुनाव कराए जाएंगे। नफ्ताली बेनेट इजरायल की 8 पार्टियों के साथ मिलकर सरकार चला रहे थे। पिछले कुछ समय में उनका साथ कई सांसदों और पार्टियों ने छोड़ दिया था। इससे अब उनकी सरकार अल्पतम में आ गई।
नफ्ताली बेनेट दक्षिणपंथी यमीना पार्टी के अध्यक्ष हैं। इस पार्टी को साल 2019 में बनाया गया था। बेनेट के साथी रहे यायिर लापिद अब देश के कार्यवाहक पीएम होंगे। लापिद की यश अतीद नाम की लिबरल पार्टी है। लापिद ने साल 2012 में यश अतीद का गठन किया था। बेनेट की ओर से जानकारी दी गई है कि लापिद के साथ मिलकर संसद भंग करने और फिर से इजरायल में चुनाव कराने का फैसला किया गया। गठबंधन के समझौते के मुताबिक लापिद को नई सरकार बनने तक कार्यवाहक पीएम का पद सौंपा गया है। इजरायल में सरकार उस वक्त गिरी है, जबकि जुलाई में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को वहां जाना है।
इजरायल में बीते करीब तीन साल में लगातार चुनाव के बाद चुनाव हो रहे हैं। कोई भी सरकार अपना कार्यकाल पिछले साढ़े तीन साल में पूरा नहीं कर सकी है। किस तरह सियासत यहां घूम रही है, ये इसी से पता चलता है कि पिछले साढ़े तीन साल में 5वीं बार चुनाव कराए जाएंगे। अक्टूबर में चुनाव होने की बात की जा रही है। बता दें कि नफ्ताली बेनेट से पहले बेंजामिन नेतन्याहू इजरायल के पीएम थे। उनको भी कई बार सत्ता गंवानी पड़ी थी और गठबंधन कर सरकार चलाते रहे थे।