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Omicron: कोरोना का नया वैरिएंट यूरोप तक पहुंचा, जानिए क्यों है ये इतना खतरनाक

Corona Pic

ब्रसेल्स। कोरोना वायरस का नया वैरिएंट Omicron दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग के बाद अब यूरोप पहुंच गया है। बेल्जियम में इसका पहला मरीज मिला है। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका के ज्यादातर हिस्सों में नए वैरिएंट के प्रसार के सबूत मिल रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में इस नए वैरिएंट की वजह से मरीजों की संख्या में 200 गुना बढ़ोतरी देखी गई है। बताया जा रहा है कि किसी एचआईवी ग्रस्त मरीज की वजह से कोरोना का ये नया वैरिएंट आया है। अब आपको बताते हैं कि आखिर ये वैरिएंट इतना खतरनाक क्यों है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस वैरिएंट के 32 म्यूटेंट पाए गए हैं। इतने म्यूटेंट वाला ये पहला कोरोना वायरस देखा गया है। इसके अलावा इसका स्पाइक प्रोटीन भी इरेगुलर है। यानी अन्य कोरोना वायरस के मुकाबले नए वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन अलग किस्म का देखा गया है। बता दें कि स्पाइक प्रोटीन की मदद से ही कोरोना वायरस शरीर की कोशिकाओं से खुद को जोड़ता है और फिर सांस से जुड़े अंगों जैसे नाक, गला और लंग्स को अपनी चपेट में लेता है।

डब्ल्यूएचओ ने इस वैरिएंट को चिंता का कारण माना है। बताया जा रहा है कि इस वायरस से वैक्सीन की दो डोज ले रहे लोगों को भी खतरा है। दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट के तमाम मरीजों ने वैक्सीन लगवा ली थी। बावजूद इसके कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इस वजह से भी वायरस को बहुत खतरनाक माना जा रहा है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां इस पर शोध कर रही हैं।

बता दें कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने इससे पहले भारत समेत दुनियाभर में हाहाकार मचाया था। इसकी वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं। भारत में भी पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक हाहाकार मचा था। मरीजों को ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। जिसकी वजह से ऑक्सीजन ट्रेन तक चलानी पड़ी थी। इसके अलावा रेमडेसिविर और अन्य दवाइयों की भी कमी देखी जा रही है।

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