काबुल। अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान ने एक बार फिर महिलाओं के खिलाफ फरमान जारी किया है। तालिबान ने नए फरमान में कहा है कि अफगानिस्तान में महिलाएं और बच्चियां अब सार्वजनिक स्थानों पर न तो कुछ पढ़ सकती हैं और न ही गाना गा सकती हैं। महिलाओं पर तालिबान ने ये कानून भी लगाया है कि वे सार्वजनिक तौर पर बात भी नहीं कर सकतीं। तालिबान के नए कानून के मुताबिक महिला की आवाज निजी होती है और इसे दूसरे नहीं सुन सकते। तालिबान के नए कानून के मुताबिक महिलाएं अपने रिश्तेदारों के अलावा दूसरे पुरुषों को भी नहीं देख सकतीं।
तालिबान के ताजा फरमानों में ये भी शामिल है कि महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर जाएं, तो अपने चेहरे समेत पूरे जिस्म को ढंकें। तालिबान का कहना है कि महिलाओं के व्यवहार संबंधी ताजा कानून नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है। तालिबान ने बीते बुधवार को महिलाओं से संबंधित ताजा नियम कायदे लागू किए थे। तालिबान के सुप्रीम नेता अखूनदजाद ने महिलाओं संबंधी कानून को मंजूरी दी थी। तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान के नागरिकों और खासकर महिलाओं के लिए 114 पेज का दस्तावेज जारी किया था। इस दस्तावेज में इस्लाम की अच्छी बातों का भी जिक्र है। तालिबान का मानना है कि ऐसे कानून से समाज में फैली बुराइयों से लड़ना भी आसान होगा। साथ ही महिलाओं में तहजीब को भी बढ़ावा मिलेगा।
तालिबान ने 3 साल पहले अफगानिस्तान पर फिर कब्जा जमा लिया था। इससे पहले जब अमेरिका पर ओसामा बिन लादेन के अल-कायदा आतंकियों ने हमला किया था, उस वक्त अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी। जिसमें तालिबान शासन का खात्मा हो गया था। इसके बाद अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में ही डटी थी। फिर अचानक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से अपने देश के सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया। जिसके बाद एक बार फिर तालिबान वहां की सत्ता पर काबिज हो गया। इसके साथ ही तालिबान ने बच्चियों और महिलाओं की पढ़ाई पर भी रोक लगा दी। अब उसने महिलाओं के हक को कुचलने वाले और कानून लागू किए हैं।