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Ajab-Gazab News: दुनिया के इस कोने में 70 सालों से नहीं गई एक भी जान, जानिए क्या है इसके पीछे का राज?

नई दिल्ली। भारत समेत कई देश हैं जहां प्रचलित कुछ किस्सों पर आपको यकीन नहीं होगा। उनके बारे में आप सुन कर आप दंग रह जाएंगे। आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां 70 साल से एक भी व्यक्ति नहीं मरा है। ये जानकर आपको अजीब लग रहा होगा। लेकिन ये पूरी तरह से सच है। अब आप सोच रहे होंगे कि वहां कोई रहता नहीं होगा तो आप गलत सोच रहे हैं। वहां लोग रहते हैं। तो आईए आपको बताते हैं इस खास जगह के बारे में… ये अनोखी जगह नार्वे में है। यहां पर कई प्रसिध्द जगहें हैं, जहां बहुत अच्छे पर्यटक स्थल हैं। कई लोग यहां घूमने के लिए आते हैं। नार्वे में इस जगह का नाम ‘लॉन्ग इयरबेन’ हैं। यहां पर कोई व्यक्ति मरता नहीं है। वजह जानने के बाद आपके मन में कई सवाल खड़े होंगे।

नार्वे को ‘मिडनाइट सन’ के नाम से जाना जाता है। इस देश में मई महीने से लेकर जुलाई महीने के आखिरी तक सूरज अस्त नहीं होता है। यहां पर 76 दिनों तक दिन रहता है और रात नहीं होती है। यहां के स्वालबर्ड में 10 अप्रैल से 23 अगस्त तक सूर्य नहीं डूबता है। लॉन्ग इयरबेन में यहां के प्रशासन ने एक कानून बनाया हुआ है कि यहां कोई मर नहीं सकता है। यहां मौत पर बैन लगा हुआ है।

क्या हैं कानून?

नार्वे के उतरी ध्रुव में स्थित लॉन्ग इयरबेन में सालभर भीषण ठंड पड़ती है, जिसकी वजह से यहां पर शव सड़ नहीं पाता है। यही कारण है कि यहां पर प्रशासन ने इसानों के मरने पर बैन लगाया हुआ है। सबसे हैरानी वाली बात ये है कि इस शहर में 70 सालों से किसी की मौत नहीं हुई है।

100 साल पहले हुई थी एक मौत

इस अनोखे शहर में ईसाई धर्म के लोग ज्यादा दिखाई देते हैं। साल 1917 में पहली मौत हुई थी, जो इनफ्लुएंजा से पीड़ित था। उस व्यक्ति के शव को लॉन्ग इयरबेन में दफन किया गया था, लेकिन उसके शव में अभी तक इनफ्लुएंजा के वायरस मौजूद हैं। इस वायरस से फैलने वाली महामारी से बचाने के लिए प्रशासन ने यहां पर किसी के मरने पर रोक लगा दी है। यहां की आबादी करीब 2000 है। जब यहां कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है। तो उसे फ्लाइट से दूसरे स्थान पर भेज दिया जाता है और फिर उसी स्थान पर उसकी मृत्यु होने के बाद उस शख्स का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।

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