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Russia-Ukraine conflict: क्या है NORD STREAM 2 PIPELINE? जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ स्कॉलज़ ने क्यों किया सर्टिफिकेशन सस्पेंड

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नई दिल्ली। रूस द्वारा यूक्रेन के विद्रोही इलाकों को स्वतंत्रता की मान्यता  देने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर नकेल कसने की कोशिश शुरू कर दी है। अमेरिका सहित कई पश्चिमी देश रूस पर लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं। बीते मंगलवार को अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन के नेतृत्व में जहां रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों पर रोक लगाने की घोषणा की गई, वहीं अब रूस के महत्वपूर्ण पाइप लाइन प्रोजेक्ट जिसका नाम NORD Stream 2 Pipeline है, उसपर जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कॉलज़ ने उसके सर्टिफिकेशन प्रोसेस को सस्पेंड करने की घोषणा की है, आइए जानते हैं कि आखिर क्या है ये NORD STREAM 2 PIPELINE, और ये रूस के लिए कितना महत्वपूर्ण है…

क्या है Nord stream 2 पाइपलाइन प्रोजेक्ट?

Nord stream 2 बाल्टिक सागर से गुजरने वाला 1230 किलोमीटर लम्बा गैस पाइपलाइन है, जो रूस से शुरू होकर जर्मनी के बाल्टिक किनारे तक जाता है। समुद्र के भीतर से गुजरने वाला यह पाइपलाइन रशियन गैस को जर्मनी से होते हुए सीधे यूरोप में पहुँचाता है। यह प्रोजेक्ट पूरा तो हो गया है, लेकिन अभी फंक्शन में नहीं है,यानी कार्य नहीं कर रहा है। यह पाइप लाइन पहले से मौजूद nord stream के समानांतर होकर जाता है, जिससे पहले से चल रहे गैस पाइपलाइन की क्षमता दोगुनी करने के उद्देश्य से निर्मित किया गया है। यानी इसके चालू होते ही 110 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस एक साल में यूरोप को निर्यात हो सकेगा। इसका मतलब यह भी है कि गैजप्रोम जो की रूस की नेचुरल गैस कम्पनी है वो अपने गैस को सीधे यूरोप के पाइपलाइन सिस्टम में भेज सकती है और उसके लिए उसे पहले से अस्तित्व रखने वाले पाइपलाइन पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। आपको बता दें कि पहले से मौजूद जो पाइपलाइन है वो यूक्रेन और पॉलैंड से होकर के गुजरता है और रूस और यूक्रेन के सम्बन्धों को देखते हुए रूस इस नए पाइपलाइन के लिए इन देशों पर निर्भरता नहीं चाहता..Nord stream 2 पाइपलाइन कार्य करने के लिए तैयार है पर उसके पहले उसे जर्मनी और यूरोपियन कमीशन से अप्रूवल की जरूरत होगी।

ओलाफ़ स्कॉलज़ ने Nord stream 2 पाइपलाइन सर्टिफिकेशन को किया सस्पेंड

रूस और यूक्रेन विवाद को देखते हुए जर्मनी के चासंलर ओलाफ़ स्कॉलज़ ने इसके सर्टिफिकेशन को अभी सस्पेंड कर दिया है। ये रूस के लिए बड़े झटके के तौर पर हो सकता है, क्योंकि इस पाइपलाइन से रूस को बड़ी आमद हो सकती है, हालांकि यूरोपियन देशों के लिए भी यह आसान नहीं होगा, क्योंकि रूस नेचुरल गैस का एक बड़ा निर्यातक है और दिलचस्प बात यह है कि यूरोप को ही वह सबसे ज्यादा निर्यात करता है।

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