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Israel Hamas War: ये क्या? एक तरफ इजराइल को समर्थन, तो दूसरी तरफ फिलिस्तीन को पहुंचाई राहत सामग्री, आखिर क्या है भारत की भूमिका?

नई दिल्ली। फिलिस्तीन और इजराइल के बीच युद्ध जारी है। दोनों में से कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है। जिसकी भारी कीमत आम जनता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है। दोनों युद्धग्रस्त देशों में अब तक हजारों लोग युद्ध की विभीषिका का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं। अरब देशों की ओर से की जा रही शांति की पहल भी विफल साबित हो रही है। सभी मुस्लिम देश फिलिस्तीन के समर्थन में आ चुके हैं, तो वहीं पूरा यूरोपीय खेमा इजराइल के पक्ष में खड़ा है। ब्रिटेन सहित अमेरिका के राष्ट्रध्यक्ष इजराइल पहुंचकर अपना समर्थन जाहिर कर चुके हैं।

उधर, बेंजामिन तो पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि दुश्मन देश को भारी कीमत चुकानी होगी। वहीं, बात अगर भारत के रुख की करें, तो भारत ने पहले अपनी विदेश नीति के अनरूप इजराइल का समर्थन करने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाकायदा इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर वार्ता कर उन्हें इस मुश्किल घड़ी में समर्थन देने का ऐलान किया था। बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीन मामले में पीएम मोदी ने सीधे तौर पर इजराइल का समर्थन किया है, जबकि रूस-यूक्रेन मामले में पीएम मोदी ने खुलतौर पर शांति का साथ दिया था। उन्होंने दो टूक कहा था कि युद्ध किसी भी समस्या का निराकरण नहीं है, लेकिन इस बार पीएम मोदी ने बिना किसी भूमिका को रचाए ही इजराइल का समर्थन किया था, लेकिन भारत में कई राजनीतिक दल केंद्र सरकार के विरोध में जाकर फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं।

बीते दिनों दानिश अली सहित कई अन्य ने फिलिस्तीन दूतावास जाकर फिलिस्तीन के प्रति अपना समर्थन जताया था, जबकि बीजेपी के कई नेता दो फिलिस्तीन का साथ देने वाले लोगों को देशद्रोही बता चुके हैं। इतना ही नहीं, सीएम योगी ने प्रदेश में फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करने की भी बात कही थी, जिस पर ओवैसी ने आलोचनात्मक टिप्पणी की थी। उन्होंने सीएम योगी आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि मैं तो फिलिस्तीन के झंडे के साथ तिरंगा लेकर जाऊंगा। देखता हूं कि कौन क्या करता है।

इन तमाम परिस्थितियों के बीच अब भारत ने फिलिस्तीन का साथ देने का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं, भारत की ओर से फिलिस्तीन को युद्ध के समय में बड़ी मात्रा में राहत सामग्री भी भेजी गई है। खबर है कि भारत सरकार की ओर से फिलिस्तीन को सी-17 विमान, जीवन रक्षक सामग्री सहित अन्य जरूरी सामान इजराइल भेजे गए हैं। भारत की ओर से फिलिस्तीन को 32 टन राहत सामग्री भेजी गई है। जिसमें बड़ी मात्रा में सर्जिकल सामान भी शामिल है।

उधर, बताया जा रहा है कि आगामी दिनों मे भारत सरकार की ओर से युद्ध के समय फिलिस्तीन को और भी राहत सामग्री भेजी जाएगी। जीवन रक्षक दवाएं और अन्य चिकित्सकीय उपकरण भी भारत सरकार की ओर से फिलिस्तीन को भेजे गए हैं। इसके अलावा सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि फिलिस्तीन को किसी भी प्रकार से दिक्कत ना हो। खाद्य सामग्री, मेडिकल सामग्री, रक्षा सामग्री सहित अन्य उपकरण केंद्र सरकार की ओर से युद्धग्रस्त देश फिलिस्तीन को भेजे गए हैं, जिसके बाद यह युद्धग्रस्त देश राहत की सांस लेता हुआ नजर आ रहा है। अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या भारत धर्मसंकट में नहीं है ? क्या उसे यह समझ नहीं आ रहा है कि इस स्थिति में किसका साथ दिया जाए। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात उन्हें अपना समर्थन बयां कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ फिलिस्तीन को राहत सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में भारत की भूमिका क्या है ?

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