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Israel-Hamas Conflict: हमास-इजरायल में जारी जंग के बीच इस्लामिक दुनिया में हाहाकार, उठाया ये कदम, बुलाई OIC की आपात बैठक

नई दिल्ली। कहीं लाशों का ढेर पड़ा है, तो कहीं खून की दरिया बह रही है, तो कहीं लोगों की चित्कार सुनाई दे रही है, तो कहीं कोई मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन अफसोस कोई मदद के लिए आगे आने की जहमत नहीं उठा रहा है। यह मंजर है दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की फेहरिस्त में शुमार इजराइल का। यकीन नहीं होता कि जो देश अमेरिका, रूस और ब्रिटेन जैसे मुल्कों को अपने घुटने पर लाने का माद्दा रखता हो। आखिर उस देश से कहां और कैसे इतनी बड़ी चूक हो गई कि दो जून की रोटी को मुहाल फिलिस्ताीन जैसे मुल्क ने उसके यहां तबाही मचा दी और इजराइल के कर्ताधर्ता मानो सबकुछ ऐसे देखते रह गए जैसे कि वो किसी रूपहले पर्दे पर कोई फिल्म देख रहे हों। अब बेशक नेतन्याहू फिलिस्तीनी के खिलाफ हुंकार भरते हुए कहे कि उसे भारी कीमत चुकानी होगी, लेकिन इस बात को भी खारिज नहीं किया जा सकता है कि हमास के इस हमले ने 21वीं शताब्दी में इजराइल सरीखे मुल्क की सुरक्षा मामले में लंबे जद्दोजहद के बाद हासिल हुई मक़बूलियत पर गहरा प्रहार किया है, जिसे दुरूस्त होने में लंबा वक्त लगेगा।

यूं तो इजराइल और फिलिस्तीन के बीच लंबे अर्से से चला आ रहा विवाद जगजाहिर है, लेकिन यह विवाद एक दिन इस कदर हिंसात्मक हो जाएगा कि इजराइल की सड़कों पर लाशों के ढेर बिछ जाएंगे और नेतन्याहू महज हवाई बयानबाजी ही करते रह जाए, ये किसी ने नहीं सोचा था। नहीं सोचा था उस अमेरिका ने जिसे अब बयान देना पड़ रहा है कि हम इजराइल के साथ हैं। नहीं सोचा था भारत ने कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि हमें इजराइल जैसे मुल्क के समर्थन में अपना झंडा बुलंद करना होगा।

अजी छोड़िए उन बातों को। वो इतिहास था। जब हिटलर ने इजराइलियों के साथ जानवरों से भी ज्यादा बदतर सलूक किया। वो इतिहास था, जब इजराइलियों को पूरी दुनिया हेय दृष्टि से देखती थी, लेकिन आज सच्चाई यह है कि इजराइल वो मुल्क है, जिसकी सुरक्षा मामले में तूती बोलती है, लेकिन उस वक्त ये तूती कहां गई, जब हमास ने इजराइल में तबाही मचा दी और इजराइल देखता रह गया।

 

उधर, इस तबाही के मंजर के बीच अरबी मुल्क इजराइल के लिए गले की फांस अलग से बने हुए। वहीं सभी अरबी मुल्कों ने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ कोऑपरेशन की बैठक आहूत करने की मांग की है। इस संगठन में कुल कुल 57 मुस्लिम देश हैं। अब इस आपात बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा होती है और इजराइल के संदर्भ में क्या कुछ फैसले लिए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। वहीं, ओआईसी ने बयान जारी कर इजराइल की निंदा की है। ओआईसी ने कहा कि इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों की अनदेखी की है, जिसकी वजह से उसे ये भारी कीमत चुकानी होगी। बुधवार को ओआईसी के सभी नेताओं की आपस में बैठक होगी। यह बैठक कायरो में होगी।

चीनी मीडिया शिन्हुआ के मुताबिक, कतरी मध्यसता के तहत इजराइल और हमास के बीच कैदियों की अदला बदली को लेकर चर्चा का सिलसिला जारी है। इस समझौते के तहत इजरायली जेलों में कैद फिलिस्तीनी महिला कैदियों के बदले हमास द्वारा किडनैप महिलाओं को रिहा किया जाएगा। उधर, हमास ने कई इजराइली महिला को कैद कर लिया है, जिसकी रिहाई की मांग इजराइल की ओर से की गई है।

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