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Pakistan Gets Setback From World Bank In Indus Water Treaty Issue : सिंधु जल संधि मामले में पाकिस्तान को विश्व बैंक से भी लगा झटका, द्विपक्षीय मुद्दे पर हस्तक्षेप से इनकार

Pakistan Gets Setback From World Bank In Indus Water Treaty Issue : विश्व बैंक ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में उसकी भूमिका सिर्फ एक मध्यस्थ की है। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा, मीडिया में बहुत सी अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक सिंधु जल संधि मामले में कैसे हस्तक्षेप करेगा? विश्व बैंक इस समस्या का क्या समाधान करेगा, लेकिन यह सब बकवास है।

नई दिल्ली। भारत के द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने पर पाकिस्तान ने मदद के लिए विश्व बैंक से गुहार लगाई थी मगर वहां से भी पाकिस्तान को झटका लगा है। विश्व बैंक ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया है कि वो द्विपक्षीय मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। विश्व बैंक की भूमिका सिर्फ एक मध्यस्थ की है। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा, मीडिया में बहुत सी अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक सिंधु जल संधि मामले में कैसे हस्तक्षेप करेगा? विश्व बैंक इस समस्या का क्या समाधान करेगा, लेकिन यह सब बकवास है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>&quot;We have no role to play beyond a facilitator. There’s a lot of speculation in the media about how the World Bank will step in &amp; fix the problem but it’s all bunk. The World Bank’s role is merely as a facilitator,&quot; World Bank President, Ajay Banga on Indus Waters Treaty… <a href=”https://t.co/s19jkAl7WG”>pic.twitter.com/s19jkAl7WG</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1920750802731200548?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 9, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने सबसे पहले जो एक्शन लिया था उसके तहत सिंधु जल समझौते को रद्द करने का फैसला किया था। भारत के इस ऐलान के बाद से पाकिस्तान छटपटा रहा है। भारत अब सिंधु नदी के पानी को रोक देगा। इससे पाकिस्तान जो पहले ही दाने दाने को मोहताज है आने वाले समय में पानी की कमी से भी जूझेगा। यही कारण है कि पाकिस्तान विश्व बैंक समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मदद मांग रहा है।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस संधि के तहत दोनों देशों के बीच सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी को कैसे बांटा जाए इस पर निर्णय लिया गया था। तीन पूर्वी नदियों ब्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को मिला जबकि तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया। ब्यास, रावी और सतलुज का 80 प्रतिशत पानी भारत उपयोग करता है वहीं सिंधु, चिनाब और झेलम का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान के हिस्से जाता है। सिंधु नदी को पाकिस्तान की लाइफलाइन भी कहा जाता है।

 

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