वॉशिंगटन। साल 1947 की 14 अगस्त से मुल्क बनते ही पाकिस्तान और उसके हुक्मरानों के साथ वहां की सेना भी भारत से नफरत करने लगी। हुक्मरानों को अपने इशारे से चलाने वाली पाकिस्तानी सेना ने कबायली के वेष में पहले कश्मीर पर हमला किया। फिर 1965 और 1971 की जंग लड़ी और मात खाई। इतने से भी मन नहीं भरा, तो करगिल में कब्जा जमाने की कोशिश की और यहां से भी मार भगाए गए। इसके बाद जंग की जगह उसने आतंक को समर्थन देने का रास्ता चुना और उसमें भी मार खा रहा है। फिर भी उसकी फौज का गुस्सा खत्म नहीं होता। एक अमेरिकी पत्रकार के मुताबिक पाकिस्तानी फौज का एक ब्रिगेडियर चाहता था कि भारत पर परमाणु हमला कर दिया जाए। पत्रकार पीटर लैंड्समैन ने अपनी किताब ‘अ मॉडेस्ट प्रपोजल फ्रॉम द ब्रिगेडियरः व्हॉट वन प्रॉमिनेंट पाकिस्तानी थिंक्स हिज कंट्री शुड डू विथ इट्स अटॉमिक वेपंस’ में लिखा है कि एक बार वह पाकिस्तान गए। वहां, पाकिस्तानी सेना में ब्रिगेडियर रहे अमानुल्लाह से उनकी मुलाकात हुई। अमानुल्लाह तब पाकिस्तानी पीएम रहीं बेनजीर भुट्टो के साथ काम करते थे।
पीटर ने लिखा है कि जब वह बेनजीर के घर गए, तो वहां एक मिसाइल की पेंटिंग लगी थी। जब उन्होंने इस बारे में पूछा तो बताया गया कि मिसाइल भारत की ओर परमाणु बम ले जा रही है। पीटर के मुताबिक अमानुल्लाह गुस्से से कांप रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत को सबक सिखाने के लिए उस पर परमाणु बम गिराने की जरूरत है। ब्रिगेडियर ने कहा कि भारत ने हमारे लाखों लोगों को मार डाला है। इसका बदला लेना भी जरूरी है।
भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना में कितनी नफरत है, ये इससे भी पता चलता है कि अमानुल्लाह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में गरीबी, भुखमरी और अशिक्षा का जिम्मेदार भी भारत है। कुछ ऐसी ही बात 2016 में तत्कालीन विदेश मंत्रालय के सलाहकार सरताज अजीज ने कही थी। अजीज ने कहा था कि भारत से खतरे को देखते हुए पाकिस्तान परमाणु बम तैयार कर रहा है।