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Pakistan: ना मुशर्रफ, ना आर्मी, इमरान खान के राज में पाक बना आंतिकयों का सबसे बड़ा पनाहगार, भारत के खिलाफ रच रहा षड्यंत्र

imran khan

इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके के विधानसभा चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की जीत से भारत और पड़ोसी मुल्क के बीच रिश्ते और तल्ख होने के आसार हैं। इसकी वजह है कश्मीर के मसले पर इमरान खान की सोच। अब पहली बार पीओके का चुनाव जीतने के बाद इमरान की भारत और मोदी-आरएसएस विरोधी सोच और परवान चढ़ने की आशंका है। सेना की मदद से पीओके की विधानसभा में इमरान की पार्टी ने 45 में से 25 सीटें जीत लीं। पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी को 11 और दूसरे पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को सिर्फ 6 सीटें मिलीं।

POK के चुनावों में इमरान की पार्टी की जीत से और तल्ख होंगे भारत-पाक के रिश्ते

इमरान खान भले ही पीओके का चुनाव जीत गए, लेकिन भारत की ओर से इन चुनावों को पहले ही महज दिखावा करार दे दिया गया था। सेना की मदद न मिलती, तो पीओके के लोग भी पीटीआई को नहीं जिताते। वजह है यहां सेना की मदद से आम लोगों की मुश्किलों में इमरान ने और इजाफा किया है।

पीओके में पीटीआई की जीत से इमरान का भारत विरोधी तेवर और बढ़ सकता है। इमरान खान हमेशा पीएम नरेंद्र मोदी का विरोध करते हैं और आरएसएस पर निशाना साधने में आगे रहते हैं। इमरान ऐसे पीएम हैं, जिनके दौर में भारत पर दो बड़े आतंकी हमले हुए हैं और बदले में एक सर्जिकल और एक एयर स्ट्राइक पाकिस्तान पर भारत ने किया है। इससे पहले पाकिस्तान के किसी और पीएम या सेना की सत्ता के दौरान भी इतना सबकुछ नहीं हुआ था।

भारत के खिलाफ पाकिस्तान और खासकर इमरान खान की तल्खी बढ़ने की एक और वजह बलूचिस्तान भी है। वहां के लोग पाकिस्तान के खिलाफ आजादी की जंग लड़ रहे हैं। जिन्ना के दौर में 1948 में पाकिस्तान ने खनिज मामलों में समृद्ध बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया था। अब बलूचिस्तान में जब भी पाकिस्तानी फौज पर हमला होता है, तो इमरान की सरकार के मंत्री खासकर शेख रशीद और फवाद चौधरी इसकी तोहमत भारत पर मढ़ देते हैं।

इमरान का भारत विरोधी ढर्रा पीओके में जीत के बाद अब ऐसे में और बढ़ने के पूरे आसार हैं। उनकी सरकार किस तरह अब नई तरह का जंग लड़ रही है, ये जम्मू में ड्रोन के जरिए वायुसेना स्टेशन पर बम गिराए जाने से साफ हो रहा है। खालिस्तानियों को भी इमरान के दौर में ही पाकिस्तान ने एक बार फिर मदद की शुरुआत की है। ऐसे में भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते आने वाले दिनों में और तल्ख हो सकते हैं। साथ ही अगर कोई बड़ी आतंकी घटना होती है, तो इसका बड़ा असर भी देखने को मिल सकता है।

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