इस्लामाबाद। कुछ महीने पहले सऊदी अरब और यूएई में पाकिस्तान से आए भिखारियों के खिलाफ अभियान चला था। दोनों देशों ने भीख मांगने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को पकड़-पकड़कर उनके देश वापस भेजा था। अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने बताया है कि सिर्फ सऊदी अरब ने ही 4700 से ज्यादा भिखारियों को वापस पाकिस्तान भेजा है। ये सभी हज, उमरा और हज करने के नाम पर सऊदी अरब गए थे। जहां भीख मांगने का काम शुरू किया था।
सियालकोट में पाकिस्तान रेडीमेड गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते हुए वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि उनके मुल्क में भिखारियों की तादाद 2.2 करोड़ के आसपास है। ख्वाजा आसिफ के मुताबिक पाकिस्तान में ये भिखारी हर साल 42 अरब रुपए कमा लेते हैं। उन्होंने कहा कि विदेश में भीख मांगकर भिखारियों ने पाकिस्तान की छवि को खराब किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के मुताबिक सऊदी अरब सरकार ने भीख मांगने के खिलाफ सख्त कानून बनाया है। सऊदी अरब में भीख मांगते पकड़े जाने पर जेल और जुर्माने की सजा होती है। जिसके बाद संबंधित भिखारी को उसके देश वापस भेजा जाता है। दोबारा वो शख्स सऊदी अरब नहीं जा पाता है।
पहले ही पाकिस्तान की केंद्रीय जांच एजेंसी बता चुकी है कि साल 2021 से 2024 तक सऊदी अरब ने अपने यहां से 4000 पाकिस्तानी भिखारियों को वापस भेजा था। ये लोग ज्यादातर सिंध प्रांत के आंतरिक हिस्सों, कराची और पंजाब प्रांत के दक्षिणी इलाकों के रहने वाले हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक दूसरे देश से प्रत्यर्पण के बाद भिखारियों के नाम और उनकी पहचान आव्रजन लिस्ट में डाली जाती है। ताकि वे फिर कभी विदेश न जा सकें। ऐसे भिखारियों की संख्या 4300 है। साल 2023 में पाकिस्तान की जनसंख्या 24.75 करोड़ थी। इस तरह देखें, तो वहां के रक्षा मंत्री के दिए आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान की आबादी का करीब एक फीसदी भीख मांगने का काम करती है।