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Pakistan: दो जून की रोटी के लिए मुहाल पाकिस्तान के पास करोड़ों का खजाना, लेकिन ये है मजबूरी

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नई दिल्ली। दो जून की रोटी के लिए पाकिस्तान अब दर-दर भीख मांगने पर मजबूर हो चुका है। उसकी दुर्गति देखिए उसके सदाबाहर मित्र चीन को भी उसकी बदहाली पर तरस नहीं आ रहा है। यहां तक कई मुस्लिम देश भी पाकिस्तान का साथ देने से गुरेज कर रहे हैं। यूरोपीय धड़े के किसी भी देश को पाकिस्तान की दुर्गति पर अगर आज तरस नहीं आ रहा है, तो इसका जिम्मेदार और कोई नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान ही है। जी हां…आपको बता दें कि विश्व बिरादरी की मुखालफत की परवाह किए बगैर जिस तरह पाकिस्तान शुरू से ही आतंकियों को वित्त पोषित करता रहा है। दुनिया के सभी मुल्कों ने उसे आतंकियों को वित्त पोषित करने से मना किया, लेकिन पाकिस्तान की ढिठाई देखिए कि उसने किसी की भी बात मानना जरूरी नहीं समझा। आज उसी ढिठाई की वजह से पाकिस्तान अपनी बदहालियों के सैलाब में सराबोर हो चुका है।

ध्यान रहे कि भारत ने आर्थिक कर्जे में डूबे श्रीलंका की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है। इससे पहले भी कई मौकों पर भारत नेपाल की भी मदद कर चुका है। भारत हमेशा ही पड़ोसी मुल्कों की उनके बुरे वक्त में मदद करने में आगे रहा है, लेकिन अगर आज पाकिस्तान को भारत की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पा रही है, तो इसका जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि पाकिस्तान ही है, लेकिन आपको बता दें कि बदहालियों के सैलाब में सराबोर हो चुके पाकिस्तान के पास हजारों, लाखों का नहीं, बल्कि करोड़ों का धन है। जी हां… हैरान मत होइए…आप जो भी पढ़ रहे हैं, बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। हम यह कहकर पाकिस्तान की महिमामंडन नहीं कर रहे हैं, बल्कि आपको वो सच्चाई बता रहे हैं, जिससे आप ही नहीं, बल्कि कई लोग अनभिज्ञ हैं। आइए, जरा विस्तार से आपको बताते हैं।

बदहाली के सैलाब में सराबोर हो चुके पाकिस्तान में बलूचिस्तान नामक एक कस्बा है। यह कस्बा अक्सर सुर्खियों में रहता है। यहां हुकूमत के खिलाफ लोगों के खिलाफ कोई गुस्सा भी भड़का है। यह लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग करते हैं। बीते दिनों यहां के बाशिंदे भारत में विलय करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। हालांकि, अभी तक भारत की तरफ से इस पर कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन बलूच में लोगों का विरोध जारी रहता है। कई बार हिंसक प्रदर्शन की खबरें भी प्रकाश में आ चुकी है। अब भारत का इसमें क्या स्टेंड है। देखना होगा। लेकिन अब आप इतना सबकुछ पढ़ने के बाद मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर आप तो हमें पाकिस्तान के करोड़ों के खजाने के बारे में बताने जा रहे थे, तो फिर हमें बलूचिस्तान क्यों ले आए।

दरअसल, बचूचिस्तान ही वो कस्बा है, जहां करोड़ों का खजाना छुपा है। अब अगर पाकिस्तान चाहे तो इन खजानों का सही उपयोग करके अपनी बदहाली निजात पा सकता है, लेकिन एक समस्या है, जो कि उसके आड़े आ रही है। बलूच निवासी पाकिस्तानी हुक्मरानों को इस खजाने का उपयोग नहीं करने दे रहे हैं। पाकिस्तान ने कई बार कोशिश की है कि इसे खजाने का चीन को बेचकर धन अर्जित किया जा सकें। उधर, चीन की भी इस पर नजर है, लेकिन बलूच के लोग इसका विरोध करते हैं। बलूचवासी इस खजाने पर अपना दावा करते हैं।

आपको बता दें कि बलूच में करीबन 600 करोड़ रुपए खनिज संपदा के होने का दावा किया जाता है, जिसके कई प्रमाण भी सामने आ चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान की मजबूरी देखिए कि उसे इन संपदाओं का उपयोग करने का हक बिल्कुल भी नहीं है, जिससे उसकी मजबूरी साफ जाहिर होती है। बता दें कि पाकिस्तान की बदहाली लगातार जारी है। आईएमएफ से भी मदद की मांग की है। अब ऐसे में आगामी दिनों पाकिस्तान अपनी बदहाली से निजात पाने के लिए क्या कुछ कदम उठाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट,क़ॉम

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