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Pakistan: इमरान सरकार के खिलाफ टीएलपी ने खोला मोर्चा, रखी दी ये मांग

नई दिल्ली। इसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान सरकार का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहेंगे कि बेशुमार कोशिशों के बावजूद भी उनकी मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। आलम यह है कि अब तो उनकी सरकार भी आखिरी सांसें गिनने में मसरूफ हो चुकी है। हर मसले को लेकर सवालिया कठघरे में खड़ी रहने वाली पाकिस्तानी सरकार एक मर्तबा फिर से सवालिया कठघरे में आ चुकी है। खबर है कि टीडीपी ने अपने मुखिया को रिहा करने के मकसद से इमरान सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक पाकिस्तानी सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आई है। इमरान की ये खामोशी पाकिस्तानी सरकार की बेबसी बताई जा रही है। बताते चले कि इससे पहले भी कई मौकों पर सेना की तरफ से इमरान सरकार पर दबाव बनाए जाते रहे हैं और इतिहास इस बात का खुद गवाह रहा है कि पाकिस्तान की सरकार कई मौकों पर सेना के आगे झुकती हुई भी दिखी है। वहीं तहरीक ए लब्बेक ने अपने मुखिया को छुड़ाने के लिए अब इस्लामाबाद कूच करने का फरमान सुना दिया है।

बता दें कि पाकिस्तानी सरकार ने तहरीक –ए-लब्बेक के मुखिया हुसैन  रिजवी को नजरबंद करके रखा हुआ है, जिसे लेकर कट्टरपंथी संगठन के नुमाइंदे अब इनकी रिहाई के लिए पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज मुखर कर रहे हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि क्या पाकिस्तानी सरकार इन मुखर आवाजों के आगे घुटने टेकती है या इसके विरोध में  कुछ और प्रतिक्रिया दिखाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले हम आपको इसे लेकर पनपी पाकिस्तान की हालिया स्थिति से रूबरू कराएं चलते हैं।

पाकिस्तान की हालिया स्थिति

पाकिस्तान में इसे लेकर जारी हलचल का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि इसे लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान केंद्रीय गृह मंत्री शेख रशीद को दुबई से बुला चुके हैं, ताकि वर्तमान में पैदा हुई स्थिति पर विराम लगाने की दिशा में कोई रूपरेखा तैयार की जा सकें।

हालांकि, इसे लेकर शेख रशीद के नेतृत्व में बैठक् भी हुई है, जिसमें यह फैसला किया गया कि टीएलपी के कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया जाएगा और फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने के लिए संसद में आवाज उठाई जाएगी। पंजाब सरकार ने बताया है कि 10 हजार टीएलपी कार्यकर्ता मुरदीके के गंजरावाला तक डेरा डाले हुए हैं। जो कि लाहौर से 80 किमी दूर है। यह अपने प्रमुख के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

सरकार ने मांगा दो दिन का समय

यहां हम आपको बताते चले कि प्रदर्शनकारी टीएलपी कार्यकर्ताओं से इमरान सरकार ने दो दिन का समय मांगा है। सरकार ने कहा कि प्रदर्शनकारियों से कहा कि आप हमें दो दिन का समय दे दीजिए हम आपके कार्यकर्ताओं समेत नेताओं कों रिहा कर देंगे और फ्रांस के राजदूत को देश के निकालने के संदर्भ में फैसला लेंगे। टीएलपी ने यह भी कह दिया है कि जब तक हमारी इन मांगों पर संजीदगी से विचार नहीं किया जाता है और इसे पूर्ण करने पर कोई विचार नहीं किया जाता है, तब तक हमारा यह सरकार के  खिलाफ यह मार्च यथावत जारी रहेगा। इससे पहले टीएलपी ने कार्यर्ताओं को सुरक्षाबलों के बीच झड़प का मामला भी सामने आया था, जहां उन्होंने सुरक्षाबलों से झड़प करते हुए तोड़फोड़ भी की थी।

मगर हैरानी इस बात को लेकर जताई गई थी पाकिस्तानी सुरक्षाबल टीएलपी के सामने लाचार थे। बता दें कि टीएलपी प्रमुख हुसैन रिजवी को विगत 12 अप्रैल से नजरबंद है, लेकिन उन्हें रिहा करने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है, अब जब टीएलपी कार्यकर्ताओं का विरोध  चरम पर है तो सरकार क्या कुछ फैसला लेगी। यह देखना दिलचस्प रहेगा।

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