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दिवालियेपन की कगार पर पहुंची पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, तो ‘कटोरा’ लेकर सऊदी अरब पहुंचे इमरान खान

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की हालत बद से बदतर होती जा रही है। पहले ही पाक मंहगाई के चलते बेहाल है। देश पर कर्ज का भार बढ़ रहा है। तो वहीं एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ‘ग्रे लिस्ट’ में बरकरार रख उसकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। इस बीच जब पाकिस्तान की मदद के रास्ते बंद होते नजर आ रहे हैं तो पाक पीएम सऊदी अरब पहुंचे हैं। सऊदी अरब में पाक पीएम इमरान खान एक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे लेकिन यहां उनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों और कारोबारियों को पाकिस्तान के लिए लुभाना होगा। 23 से 25 अक्टूबर तक इमरान खान सऊदी अरब का दौरा करेंगे। इस दौरान वो रियाद में मिडल ईस्ट ग्रीन इनीशियेटिव (एमजीआई) सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे साथ ही सऊदी नेताओं से बातचीत करेंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के बयान की मानें तो इमरान खान को शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने आमंत्रित किया है। बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और कैबिनेट के अन्य सदस्यों समेत एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा।’

निवेशकों और कारोबारियों से करेंगे मुलाकात

एमजीआई सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान जलवायु परिवर्तन के कारण जलवायु परिवर्तन के कारण सामने आने वाली चुनौतियों पर अपनी राय रखेंगे। पर्यावरण संबंधी चुनौतियों के प्रकृति-आधारित समाधान के पाकिस्तान के अनुभवों को बताएंगे। बता दें, ये पश्चिम एशिया में आयोजित होने वाला इस तरह का पहला सम्मेलन होगा। जिसमें इमरान खान पाकिस्तान में निवेश के लिए कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे तथा सऊदी अरब के प्रमुख कारोबारियों से बातचीत करेंगे।

सबसे ज्यादा कर्ज लेने वालों की लिस्ट में पाकिस्तान

इस वक्त पाकिस्तान एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में है। उसके साथ ही पाक का ‘आका’ तुर्की भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है। ऐसे में अब जब पाक की मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है तो उसकी सऊदी अरब के दौरे से कई उम्मीदें हैं। पाकिस्तान की वर्तमान अर्थव्यवस्था दिवालियेपन की कगार पर जा पहुंची है। अपनी डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पाकिस्तान कर्ज पर कर्ज ले रहा है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट की मानें तो कर्ज लेने वाले टॉप-10 देशों में पाकिस्तान का नाम शामिल हो गया है। जून के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक इमरान सरकार 442 मिलियन डॉलर का कर्ज ले चुकी है।

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