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Morgan Stanley On India: रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने मोदी सरकार के दौर में भारत के विकास को बताया जबरदस्त, 10 क्षेत्रों में हुए बदलावों को अपनी रिपोर्ट में दर्शाया

morgan stanley on Modi

नई दिल्ली। नामचीन रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान भारत में हुए बड़े बदलावों को गिनाया है। अपनी एक रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि इन 10 साल में भारत में जो बदलाव हुए हैं, उनका व्यापक असर पड़ा है। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक भारत अब वैसा नहीं रहा, जैसा कि 2013 में हुआ करता था। अब का भारत दुनिया में अच्छे पायदान पर पहुंचा है। जिसका असर मैक्रो इकोनॉमिक्स और मार्केट पर पड़ा है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि वो उन विदेशी निवेशकों से सहमत नहीं, जो भारत के लिए नकारात्मक बातें कहते हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि भारत में जीडीपी के प्रतिशत के तौर पर विनिर्माण और कैपेक्स में लगातार बढ़ोतरी होगी। यानी ये क्षेत्र आगे बढ़ते रहेंगे।

विनिर्माण और कैपेक्स में मॉर्गन स्टेनली ने 2031 तक 5 पीपीटी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक भारत के निर्यात में हिस्सेदारी दोगुनी होगी और ये 2031 तक बढ़कर 4.5 फीसदी होगा। ये 2021 के स्तर से लगभग दोगुना है। वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात से भारत फायदे में रहेगा। विवेकाधीन खपत के लिए प्रोत्साहन की बात भी मॉर्गन स्टेनली ने की है। उसने कहा है कि अभी भारत में प्रति व्यक्ति आय करीब 2200 अमेरिकी डॉलर है। जो 2032 तक बढ़कर 5200 डॉलर होगी। इससे लोगों के हाथ में चीजों को खरीदने के लिए काफी रकम आएगी। मॉर्गन स्टेनली ने भारत के भविष्य के बारे में कहा है कि वो मुद्रास्फीति कम होने और इक्विटी बाजार में भी अच्छे की उम्मीद करता है।

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक चालू खाता घाटा भी भारत में कम होगा। इससे सीएडी ठीक होने के कारण बैलेंस शीट भी बेहतर होगी। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक भारत के जीडीपी में मुनाफे का हिस्सा 2020 के बाद अब निचले स्तर से दोगुना हो गया है। उसके मुताबिक मजबूत निरपेक्ष और सापेक्ष कमाई में भी भारत आगे है। इसके लिए सरकार के सुधार कार्यक्रम, निवेश में बढ़ोतरी और जीडीपी को समर्थन देने वाले क्रेडिट में बढ़ोतरी को गिनाया गया है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक चालू खाते में विदेशी पोर्टफोलियो कम होने से शेयर बाजार में भी नकारात्मकता कम हुई है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कंट्रोल करने के मोदी सरकार के फैसले को भी एजेंसी ने सराहा है।

मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि दुनिया के पूंजी बाजार प्रवाह में भारत की निर्भरता कम हो गई है। इससे भी उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने इसके साथ ही कुछ जोखिम भी भारत के लिए गिनाए हैं। अपनी रिपोर्ट में उसका कहना है कि वैश्विक स्तर पर अगर मंदी आई, 2024 में अगर किसी एक पार्टी को लोकसभा चुनाव में बहुमत न मिला, आपूर्ति में कमी हुई और इससे चीजों के दाम बढ़े और कुशल कारीगरों को हासिल करने में मुश्किल हुई, तो भारत के लिए दिक्कत हो सकती है। यानी मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि भारत की जनता को सोच-समझकर अगले लोकसभा चुनाव में वोट देना चाहिए और खंडित जनादेश से देश का विकास प्रभावित हो सकता है।

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