न्यूयॉर्क। यूक्रेन के खिलाफ जंग पर रूस का बड़ा बयान आया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के राजदूत वासिली नबेंजिया ने कहा है कि उनका देश यूक्रेन संकट के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए इसके मूल कारणों पर चर्चा करना जरूरी है। रूस के दूत ने कहा कि यूक्रेन संकट के समाधान के लिए उनका देश सभी हितधारकों से मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग को रोकने के लिए रचनात्मक प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा। दरअसल, रूस सबसे बड़ी मांग ये कर रहा है कि यूक्रेन किसी सूरत में नाटो का सदस्य न बने। साथ ही रूस चाहता है कि दोनेत्स्क और साथ लगे डोनबास के इलाकों में रूसी भाषा बोलने वाले बहुसंख्यक लोगों पर यूक्रेन की सरकार कार्रवाई न करे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के दूत वासिली नबेंजिया ने ये भी साफ कहा कि अगर यूक्रेन से युद्धविराम हो भी जाता है, उसके बावजूद जंग खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि युद्धविराम की जगह समस्या के मूल तक पहुंचना जरूरी है। रूस के दूत ने कहा कि उनके देश ने सोमवार को तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में यूक्रेन से फिर बातचीत का प्रस्ताव रखा है। जहां इस युद्ध को रोकने के लिए मूल कारणों की पहचान और उसका स्थायी हल निकल सकता है। अगर रूस और यूक्रेन में फिर बातचीत होती है, तो वहां एक समझौते के ज्ञापन को दोनों देश आपस में साझा भी कर सकते हैं। रूस के ताजा तेवर से साफ है कि वो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संघर्ष विराम प्रस्ताव पर अभी विचार नहीं कर रहा है।
वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी अपने रुख पर अड़े हुए हैं। जेलेंस्की लगातार ये मांग करते रहे हैं कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाया जाए। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप इससे इनकार कर चुके हैं। वहीं, जेलेंस्की का कहना है कि वो यूक्रेन का कोई हिस्सा रूस को किसी कीमत में नहीं देंगे। बता दें कि रूस पहले ही यूक्रेन के महत्वपूर्ण क्रीमिया इलाके पर काबिज है। यूक्रेन का कहना है कि रूस अब दोनेत्स्क और डोनबास पर भी कब्जा जमाना चाहता है। वोलोदिमिर जेलेंस्की साफ कह चुके हैं कि ये उनको कतई मंजूर नहीं है।