News Room Post

Russia and Ukraine: यूक्रेन पर हमला करने के बाद भी पुतिन का नहीं भरा मन, अब इस देश को दी चेतावनी “अगर NATO में हुए शामिल हो भुगतना होगा परिणाम”

putin

नई दिल्ली। किसी ने भी नहीं सोचा था कि एक दिन ये तनाव इतना हिंसक हो जाएगा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने सैनिकों को यूक्रेन पर हमला करने का फरमान जारी कर देंगे और उनके सैनिक अपने सर्वेसर्वा के इस फरमान की तालिम करते हुए पूरी दुनिया में हाहाकार मचा कर रख देंगे। वैसे तो रूस और यूक्रेन के बीच तनाव का सिलसिला पिछले काफी दिनों से चल रहा था, लेकिन बाद युद्ध तक आ जाएगी, इसकी किसी को भी भनक नहीं थी, लेकिन शयाद इसी बहाने ही सही, लेकिन पुतिन का वो चेहरा अब पूरी दुनिया के सामने उजागर हो चुका है, जिसे वे कल तक छुपाए फिर रहे थे। उधर, पुतिन के इस कदम को लेर रूसियों के रूख की बात करें, तो शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जहां रूस में कुछ लोग अपने राष्ट्रपति के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ लोग अब अपने ही राष्ट्रपति के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना चुके हैं। उधर, यूरोपीय यूनियन भी इस बात के संकेत दे चुका है कि आगामी दिनों में पुतिन के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।

इसी सिललिले में अमेरिका ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें रूस के खिलाफ मतदान करने की अपील की गई थी, लेकिन रूस ने अपने वीटो अधिकार के दम पर इस प्रस्ताव को पारित होने से पहले रोक दिया। उधर, अब आप कह सकते हैं कि पहले यूक्रेन फिर सोमालिया को तबाह करने के बाद पुतिन के आक्रमक इरादे अब अपने चरम पर पहुंच चुके हैं। पुतिन अब शायद खुद को रूस के ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के सर्वेसर्वा समझने लगे हैं। शायद यह उसी का नतीजा है कि अब वो फिनलैंड को भी हमले की धमकी देने पर आमादा हो गए हैं। आप यह जाननकर हैरान जरूर हुए होंगे, लेकिन सच्चाई यही है कि पुतिन ने फिनलैंड को भी हमले की धमकी दे दी है। आपको बताते चलें कि रूसी विदेश मंत्रालय ने बकायदा इस संदर्भ में तफसील से बयान जारी कर कहा कि अगर नाटो सदस्य देशों के समूह में फिनलैंड शामिल हुआ, तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।

रूसी विदेश मंत्रालय ने इस संदर्भ में विस्तृत बयान जारी कर कहा कि उत्तरी यूरोप में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए औक एक सैन्य गुटनिरपेक्ष सुनिश्चित करने के लिए फिनिश सरकार की प्रतिबद्धता को एक अहम कारक के रूप में देखते हैं। रूसी विदेश मंत्रालय ने तो फिनलैंड के संदर्भ में यह भी कहने से गुरेज नहीं किया कि अगर वो नाटो में शामिल होन की जुर्रत करता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में आगे चलकर यह दोनों ही देशों  बीच  क्या स्थिति पनपती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version