वॉशिंगटन। अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप बड़े फैसले कर रहे हैं, लेकिन उनके एक बड़े फैसले को कोर्ट ने पलट दिया है। मामला बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारियों की छंटनी का है। सैन फ्रांसिस्को के कोर्ट ने अमेरिका के हजारों सरकारी कर्मचारियों को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है। जज विलियम अलसुप ने आदेश में कहा है कि ट्रेजरी, कृषि, ऊर्जा, आंतरिक विभाग और पूर्व सैनिकों संबंधी विभाग में जिन कर्मचारियों को गलत तरीके से हटाया गया, उनको फिर से काम पर लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों को खराब प्रदर्शन के आधार पर हटाया गया, लेकिन ये सिर्फ ट्रंप प्रशासन का दिखावा है।
सरकारी कर्मचारियों को हटाने के खिलाफ सैन फ्रांसिस्को के कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी। याचिका को कर्मचारियों की यूनियनों की तरफ से दाखिल किया गया था। अमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक जज विलियम अलसुप ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को हटाना सिर्फ कानूनी आवश्यकताओं से बचने की कोशिश थी। कर्मचारियों के प्रदर्शन पर उनको हटाने का फैसला आधारित नहीं था। कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को दुखद बताया कि सरकार अच्छे कर्मचारियों को प्रदर्शन का बहाना बनाकर निकाल देती है। कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को झूठ बताया। साथ ही कहा कि हर उस कर्मचारी को फिर से नौकरी पर लिया जाए, जिसे अनुचित तरीके से निकाला गया। अब ट्रंप प्रशासन इस आदेश पर रोक के लिए अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है।
कर्मचारी यूनियनों ने सैन फ्रांसिस्को कोर्ट के ताजा फैसले पर खुशी जताई है। अब उनकी नजर इस पर है कि अगर ट्रंप प्रशासन फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाता है, तो अमेरिका की सबसे बड़ी अदालत क्या रुख अपनाती है। इससे पहले भी अमेरिका के कई प्रांतों के कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले पर कुल्हाड़ी चलाई थी। ट्रंप ने सरकारी खर्च में कटौती करने और हजारों कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया था। इसके लिए उन्होंने मशहूर कारोबारी एलन मस्क के नेतृत्व में DOGE नाम का विभाग भी बनाया है। हालांकि, डोजे के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठ रहे हैं।