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Pakistan: कश्मीर पर भारत के खिलाफ सऊदी अरब और UAE को भड़का रहा था पाकिस्तान लेकिन दोनों देशों ने पाक को दे दिया झटका और…

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान पीएम पद से इस्तीफा दे सकते हैं। बीते दिनों इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद से इमरान पर लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं अब 25 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है। ऐसे में इमरान खान की कुर्सी संकट में पड़ती नजर आ रही है। लेकिन पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अपनी कुर्सी की चिंता छोड़कर कश्मीर का राग अलापते नजर आ रहे हैं। हाल ही में इमरान खान ने पाकिस्तान इस्लामिक सहयोग संगठन (Oragnisation Of Islamic Cooperation) के 48वें सत्र में सदस्य देशों के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया है।

खास बात ये भी है कि OIC के सदस्य देशों के प्रतिनिधि ही भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में एक निवेश सम्मेलन में शामिल हुए हैं। बता दें कि बीते दिन  ओआईसी के सदस्य देश सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने जम्मू-कश्मीर में एक निवेश सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा सम्मेलन में हॉन्ग कॉन्ग के प्रतिनिधि भी में मौजूद हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को शुरू हुआ ये सम्मेलन अगले दिनों तक जारी रहेगा। जिसमें निवेश को बढ़ावा देने के लिए सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और हॉन्ग कॉन्ग के 30 से ज्यादा प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं।

वहीं अब कश्मीर को मुस्लिम देशों के बैठक में शामिल होने पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है। इतना ही नहीं पाकिस्तानी मीडिया में भी इस सम्मेलन की चर्चा हो रही है। गौर करने वाली बात ये भी है कि पाकिस्तान कश्मीर पर भारत के खिलाफ सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भड़का रहा था। ऐसे समय में इन देशों के व्यापारिक प्रतिनिधियों का जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए आना बताता है कि इन देशों के लिए भारत कितना अहम  है। जिसको लेकर अब पाकिस्तान तिलिमिलाया हुआ है और इसे इमरान खान के लिए बड़ा झटके तौर पर देखा जा रहा है।

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। जिसके बाद से केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में निवेश को बढ़ावा देने पर लगातार जोर दे रही है। जिसके बाद एशिया समेत कई देशों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने के लिए रूचि दिखाई  है।

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