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Talha Saeed To Fight Election: लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद का बेटा तलहा अब पाकिस्तान में लड़ेगा आम चुनाव, अल्ला हू अकबर तहरीक पार्टी का होगा प्रत्याशी

हाफिज सईद अभी जेल में है। वो मुंबई में साल 2008 में हुए भीषण आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। तलहा सईद को भी भारत ने मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में रखा है। तलहा सईद 2018 में भी चुनाव लड़ा था, लेकिन वो 11000 वोट से हार गया था। इस बार वो सरगोधा से चुनाव लड़ने वाला है।

hafiz saeed and talha saeed

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सियासत में किस तरह आतंकियों का दखल है, ये आपको इस खबर को पढ़ने के बाद समझ आ जाएगा। भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद के बेटे तलहा सईद ने पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा लेने का एलान किया है। हाफिज सईद का बेटा तलहा, अल्लाह हू अकबर तहरीक पार्टी का उम्मीदवार बनकर पाकिस्तान के आम चुनाव में मैदान में उतरने जा रहा है। पाकिस्तान में आम चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने वाले हैं। हाफिज सईद अभी जेल में है। वो मुंबई में साल 2008 में हुए भीषण आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। तलहा सईद को भी भारत ने मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में रखा है। पाकिस्तान से भारत ने कई बार हाफिज सईद और तलहा समेत वहां रहने वाले बाकी आतंकियों को सौंपने की मांग की, लेकिन पाकिस्तान सरकार इनको आतंकी मानने से ही इनकार करती रहती है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन को पाकिस्तान कश्मीर की आजादी के लिए लड़ने वाला संगठन बताता है।

भारत विरोधी तकरीरें करने में माहिर है हाफिज सईद का बेटा तलहा।

तलहा सईद के जीजा ने भी साल 2018 में पाकिस्तान में चुनाव लड़ा था। तलहा सईद भी उसी साल सरगोधा से चुनाव लड़ा और 11000 वोटों से हारा था। हाफिज का दामाद भी चुनाव नहीं जीत सका था। इससे उम्मीद बंधी थी कि पाकिस्तान की जनता आतंकियों को नकार रही है, लेकिन जब पाकिस्तान की सरकारों और सेना की ही सिरपरस्ती हो, तो भला दहशत फैलाने वालों के हौसले बुलंद आखिर क्यों न होंगे! ऐसे में कश्मीर और मुंबई समेत भारत के तमाम शहरों में खून की नदियां बहाने वाले हाफिज सईद का बेटा अब पाकिस्तान की संसद तक पहुंचने का ख्वाब देख रहा है। तलहा सईद पर लश्कर के लिए फंड जुटाने की जिम्मेदारी है। हाफिज सईद के बाद उसे लश्कर में नंबर 2 की पोजिशन मिली हुई है। तलहा कितना खतरनाक आतंकी है, ये इसी से पता चलता है कि उसे अमेरिका ने भी वैश्विक आतंकी माना हुआ है।

तलहा को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से वैश्विक आतंकी घोषित कराने में पाकिस्तान का पुराना दोस्त चीन लगातार अड़ंगा लगाता रहा है। चीन हमेशा पाकिस्तानी आतंकी समूहों के नेताओं के लिए संयुक्त राष्ट्र में यही रुख अपनाता है। चीन के पास सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार है। ऐसे में पाकिस्तान अपने पुराने दोस्त चीन की मदद से कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को चलाने के लिए दहशतगर्दों पर प्रतिबंध लगवाने की कोशिशों को दरकिनार करता रहता है।

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