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Afghanistan: तालिबान ने भारत को चिट्ठी लिखकर लगाई गुहार, DGCA से कर डाली ये मांग

नई दिल्ली। जिस तालिबान को लेकर पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। तालिबान ने न महज अफगानिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया के नाक में दम कर रखा है। इतना ही नहीं तालिबान की वजह से एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच जुबानी जंग तेज हो चुकी है। आतंकी संगठन तालिबान की वजह से एक बार फिर पाकिस्तान अपनी उलजुलूल हरकतों से अपनी फजीहत करवा रहा है। उसी तालिबान ने भारत को अब खत लिखा है। इतना ही नहीं तालिबान ने भारत को चिट्ठी लिखकर गुहार भी लगाई है। जी हां…खत…वो भी तालिबान का…आखिर तालिबान ने अपने खत में ऐसा क्या लिखा है? ये जानने की आतुरता आपके जेहन में अपने चरम पर पहुंच चुकी होगी।

आपके जेहन में इस खत को लेकर बेशुमार सवाल उभर रहे होंगे। हम आपके उन तमाम सवालों का जवाब पूरे तफसील के साथ देंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए बीते दिनों जिस तरह  भारत ने तालिबान की सरकार को आधिकारिक मान्यता देने से इनकार कर दिया था। उसे लेकर तालिबान का खफा होना लाजिमी होगा और फिर इसी बीच तालिबान का यह खत भारत को प्रेषित करना। यह बहुत सारे सवाल खड़े करता है। हम इन तमाम सवालों पर तफसील से बात करेंगे, लेकिन आइए उससे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर तालिबान ने भारत को लिखे अपने खत में क्या कहा है। आखिर क्या है पूरा माजरा? आखिर तालिबान ने अपने खत में ऐसा क्या लिखा है कि जिससे भारतीय आलाधिकारी एक बार से अलर्ट मोड पर आ गए हैं।

तालिबान ने अपने खत में की ये मांग

यहां हम आपको बताते चले कि तालिबान ने यह खत भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के महानिदेशक को लिखी है। इस पत्र में तालिबान ने मांग की है कि जैसा कि, ‘आप अच्छी तरह से जानते हैं कि काबुल एयरपोर्ट को अमेरिकी फ़ॉर्सेस ने नुकसान पहुंचाया था और उसे निष्क्रिय कर दिया था, लेकिन हमारे देश कतर के टेक्किल सपोर्ट से इस एयरपोर्ट को एक बार फिर से चालू करवा दिया गया है। इस संबंध में NOTAM 6 सितंबर 2021 को जारी किया गया था’। तालिबान ने अपने पत्र में भारत से नई दिल्ली और काबुल के बीच उड़ान सेवा फिर से शुरू करने की मांग की है, ताकि दोनों ही देशों के बीच उड़ान सेवा चालू की जा सकें।

बता दें कि इससे पहले 15 अगस्त को जब तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान को अपने कब्जे में कर लिया था, तो उस वक्त काबुल और भारत के बीच के तमाम उड़ान सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। यह कदम भारत ने सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया था।

अब ऐसे में तालिबान वहां अपनी सत्ता स्थापित कर भारत से उड़ान सेवाएं चालू कराने की मांग कर रहा है, तो भारत क्या इसके लिए राजी होगा या भारत का तालिबान के प्रति यह कड़ा रूख इस मसले में भी जारी रहेगा? यह तो फिलहाल आने वाले दिनों में इस पत्र के संदर्भ में भारत की आगामी प्रतिक्रिया ही तय करेगी।

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