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Canada Hindu Temple Attack: ब्रैम्पटन के हिंदू मंदिर हिंसा मामले में गिरफ्तार हुआ मास्टरमाइंड, निज्जर के स्थान पर संभाल रहा था मोर्चा

नई दिल्ली। कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा किए गए हमले के मामले में पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है। पील क्षेत्रीय पुलिस ने शनिवार को एक बयान में बताया कि ब्रैम्पटन निवासी 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल को हथियार से हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गोसल को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया था और कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया गया है। उसे जल्द ही ब्रैम्पटन के ओन्टारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होना होगा।

हिंसक प्रदर्शन में हुआ उपद्रव

दरअसल, यह घटना 8 नवंबर को ब्रैम्पटन स्थित गोर रोड पर हिंदू सभा मंदिर में हुई, जब वहां प्रदर्शन के दौरान स्थिति हिंसक हो गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने झंडों और लाठियों का हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला कर दिया। इस हिंसा के बाद पुलिस ने कई मामलों की जांच शुरू की और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान का कार्य जारी है।

सिख फॉर जस्टिस से जुड़ा है मास्टरमाइंड

पुलिस के अनुसार, गोसल सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के जनरल काउंसिल गुरपतवंत पन्नू का करीबी माना जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल 18 जून को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद गोसल ने कनाडा में खालिस्तानी जनमत संग्रह के आयोजक के रूप में कार्यभार संभाला था। गोसल की गतिविधियों पर नजर रखते हुए पुलिस ने हिंसा के दौरान उसकी भूमिका की पुष्टि की है।

कनाडाई पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 3 और 4 नवंबर की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष रणनीतिक जांच दल का गठन किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में समय लगता है, लेकिन जैसे ही संदिग्धों की पहचान की जाती है, गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाती है।

कनाडा-भारत संबंधों में तनाव

गौरतलब है कि खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों के चलते कनाडा और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है। कनाडाई पुलिस के मुताबिक, गोसल उन 13 कनाडाई नागरिकों में शामिल है, जो खालिस्तान समर्थक हिंसक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। इस मुद्दे को लेकर भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के छह राजनयिकों और अधिकारियों को निष्कासित कर दिया है।

हिंदू संगठनों ने की कड़ी निंदा

इस घटना के बाद कनाडा में हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। भारतीय समुदाय के कई सदस्य इस घटना के विरोध में आगे आए हैं और कनाडा सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

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