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Palestine Students in India: भारत में रह रहे फिलिस्तीनी बच्चों का छलका दर्द, कहा- दो जून की रोटी भी नहीं और..!

Palestine Students in India: अब जब पढ़ाई पूरी हो चुकी है, तो युद्ध छिड़ गया है, जिसकी वजह ना ही अपने देश जाने की कोई व्यवस्था बन पा रही है और ना ही परिवारवालों से किसी किसी भी प्रकार का संपर्क बन पा रहा है। कोई भी मदद के लिए राजी नहीं हो रहा है।

नई दिल्ली। बीते दिनों इजराइल ने गाजा पट्टी पर हमला किया था, जिसमें कई फिलिस्तीनियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इजराइल द्वारा किए गए इस हमले में हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। आलम यह है कि दोनों पक्षों की ओर से हमले बदस्तूर जारी हैं। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन स्पष्ट कर चुके हैं कि हम बदला लेकर रहेंगे। बता दें कि बीते आठ अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर हमला किया था, जिससे 1400 से भी अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, इसी बीच भारत में रह रहे फिलिस्तीनी लड़कियों ने अपना दर्द बयां किया है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

भारत में पढ़ने आई फिलिस्तीनी लड़कियों ने अपना दर्द बयां किया। लड़कियों ने कहा कि वो फिलिस्तीन जाने को बेताब हैं, लेकिन दूतावास से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। वो अपने परिजनों से मिलना चाहती है। उन्हें अपने परिवार वालों के बारे में सोच-सोच कर चिंता हो रही है। उन्हें ये तक नहीं पता है कि उनके परिवार वाले कैसे हैं। यहां हमारी हालत ऐसी हो चुकी है कि हमें अपना पेट काटना पड़ रहा है। युद्ध से पहले हम तीन या चार टाइम खाते थे, तो अब पैसा बचाने के लिए दो टाइम खा रहे हैं, क्योंकि डर है कि आगे के लिए पैसा बचेगा की नहीं।

उधऱ, युद्ध के बाद से परिवारवालों की चिंता सता रही है। उनसे अभी तक कोई संपर्क नहीं हो रहा है। दूतावास भी किसी भी प्रकार की मदद करने में असमर्थ है। वैसे आए तो थे यहां पढ़ने के लिए, लेकिन जब से दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हुआ है, तब से पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा है। भारत में रहने वाली कई फिलिस्तीनी लड़कियों को पैनिट अटैक आ चुके हैं। फिलहाल, सभी जंग के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा दौर में ऐसी कोई भी परिस्थिति नजर नहीं आ रही है, जिससे यह साफ हो सकें कि युद्ध पर विराम लगे। इस युद्ध ने कई लोगों से बहुत कुछ छीन लिया। दोनों ही पक्ष एक दूसरे के खून के प्यासे हो चुके हैं। वहीं, एक दूसरी फिलिस्तीनी लड़की ने बताया कि वो भारत पढ़ाई करने आई थी।

वहीं, अब जब पढ़ाई पूरी हो चुकी है, तो युद्ध छिड़ गया है, जिसकी वजह से ना ही अपने देश जाने की कोई व्यवस्था बन पा रही है और ना ही परिवारवालों से किसी किसी भी प्रकार का संपर्क बन पा रहा है। कोई भी मदद के लिए राजी नहीं हो रहा है। अब तो बस ऊपर वाले की अनुकंपा कब बरसती है। इसी का इंतजार है। बता दें कि दोनों पक्षों के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है। अब तक कई लोग मारे जा चुके हैं। उधर, अरब देशों की ओर से शांति की कवायद शुरू की जा चुकी है, लेकिन मौजूदा वक्त में यह शांति प्रक्रिया कहीं से भी सफल साबित होती हुई नजर नहीं आ रही है।

सनद रहे कि हमास के हमले के बाद इजराइली सेना ने गाजा पट्टी और वैस्ट बैंक पर हमला किया था, जिसकी जद में आकर कई फिलिस्तीनी मारे गए, जिसकी अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने निंदा की थी, लेकिन बेंजामिन तो स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक हमास के आतंकियों को नामों-निशान नहीं मिट जाएगा। तब तक वो शांत नहीं बैठेंगे। बहरहाल, अब उनके इस बयान से एक बात तो साफ हो चुकी है कि यह युद्ध लंबा चलने जा रहा है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में युद्ध के मोर्चे पर दोनों पक्षों की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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