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पाकिस्तान में इस मंदिर को कट्टरपंथियों की भीड़ ने कर दिया था धराशायी, आज यहां जलेंगे दीवाली के दिए, जानें कैसे हुआ ये चमत्कार

Diwali in pak

नई दिल्ली। यूं तो आपने पाकिस्तान में मंदिरों को ध्वस्त करने की कई खबरें अखबारों में पढ़ी होंगी। टीवी में देखे होंगे। इंटरनेट की दुनिया में तो न जाने आप कितने ही ऐसे खबरों से रूबरू हुए होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप न महज आश्चर्चकित होंगे, बल्कि हर्षित भी होंगे। आपको यह जानकर खुशी होगी कि पाकिस्तान में आज से एक साल पहले जिस मंदिर को कुछ कट्टरपंथी लोगों ने ध्वस्त कर दिया था, आज उसी मंदिर में बड़ी ही धूमधाम से दीवाली मनाई जाएगी। इसकी तैयारी अभी जोरों-शोरों से चल रही है। यह खबर अभी इंटरनेट की दुनिया में खासा वायरल हो रही और लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपना रिएक्शन देते हुए नजर आ रहे हैं कि आखिर जिस मंदिर को कुछ विध्वंसक लोगों ने ध्वस्त कर दिया था। आखिर वहां ऐसा क्या हुआ कि आज वहां धूमधाम से दीवाली मनाई जाएगी। आइए, जानते हैं कि आखिर कैसे हुआ ये चमत्कार?

बता दें कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनखवा प्रांत में आज से एक साल पहले कट्टरपंथी तत्वों ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। तकरीबन 1 हजार लोगों की उन्मादी ने भीड़ ऐसा किया था। वहीं पाकिस्तानी प्रशासन ने इसे संज्ञान में लते हुए न्यायाधीश गुलजार अहमद ने मंदिर का जीर्णोद्धार के निर्देश दिए थे। आज यहां बड़ी ही धूमधाम से दीवाली मनाई जा रही है, जिसमें पाकिस्तानी हिंदू संगठनों समेत कई अन्य लोगों के शामिल होने का अनुमान है। बलूचिस्तान से भी कई हिंदू भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है। इस मंदिर में आज मनाई जा रही दीवाली को खास बनाने की दिशा में 1500 तीर्थयात्रियों के पहुंचने की भी खबर है, जो इस दीवाली को खास बनाने की दिशा में काम करेंगे। इनके रहने से लेकर खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी। ताकि उन्हें वहां पहुंचने के बाद किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। पाकिस्तानी हिंदुओं के बीच इसे लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है कि जिस मंदिर को आज से एक साल पहले ध्वस्त कर दिया गया था, आज उसी मंदिर में दीवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। आइए, आगे इस मंदिर के इतिहास व एक वर्ष पहले इस पर किस तरह से हमला किया गया। इसके बाद वहां की पुलिस ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद क्या कुछ कार्रवाई की। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

आज से एक साल पहले टेरी मंदिर में 1 हजार लोगों की उग्र भीड़ ने मंदिर पर हमला कर दिया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 109 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया था, लेकिन शायद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि टेरी मंदिर में हमले का पुराना इतिहास रहा है। इससे पहले भी कई मर्तबा यहां हमले हो चुके हैं। इससे पहले साल 1997 में भी यहां हमला हुआ था, जिसके बाद इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। बताया जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 1920 में हुई थी। इस मंदिर में हिंदुओं की आस्था बसती है, जिसको ध्यान में रखते हुए इसका खास महत्व माना जाता है, शायद यही एक कारण है कि इसे हमेशा से ही कट्टरपंथियों की तरफ से निशाना बनाया जाता रहा है, लेकिन आज जब हमले के एक साल बाद यहां दीवाली मनाई जा रही है, तो इसे लेकर श्रद्धालुओं के बीच खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

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