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Ukraine Crisis: ‘इन लोगों ने सीरिया-ईराक जैसा खेल खेला है..’, बायडन के वार पर पुतिन का पलटवार

Ukraine Crisis: रूसी राष्ट्रपति आज पूरे देश को संबोधित किया। पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थी। सभी यह जानने के लिए आतुर थे कि आखिर वे अपने संबोधन में किन मसलों का जिक्र करेंगे। हालांकि, अपने संबोधन रूसी राष्ट्रपति जो बायडन पर प्रत्यक्ष रूप से निशाना साधने से गुरेज ही किया है, लेकिन परोक्ष रूप से जो कुछ भी कहा है, उसे लेकर अभी विश्व पटल पर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडन ने बीते गुरुवार को यूक्रेन पहुंचकर पूरी दुनिया को चौंका दिया। उन्होंने युद्धग्रस्त देश यूक्रेन को हर संभव मदद का ऐलान किया है। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति को भरोसा दिलाया है कि अमेरिका की तरफ से सामरिक मोर्चे पर यूक्रेन को हर संभव मदद दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने रूस को भी निशाने पर लिया। उन्होंने रूस को आतंकी मुल्क तक बता दिया। उस पर लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना करने का आरोप भी लगाया। उधर, यूक्रेन की सड़कों पर जो बाइडेन के स्वागत में बड़े पोस्टर लगाए थे। उनके पक्ष में नारेबाजी भी की जा रही थी। अब ऐसी स्थिति में देखना होगा कि आगामी दिनों में युद्ध के मोर्चे पर दोनों ही देशों की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति के संबोधन पर अब व्लादिमीर पुतिन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आइए, आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कहा है।

आपको बता दें कि रूसी राष्ट्रपति ने आज पूरे देश को संबोधित किया। पूरे देश की निगाहें उन पर टिकी हुई थी। सभी यह जानने के लिए आतुर थे कि आखिर वे अपने संबोधन में किन मसलों का जिक्र करेंगे। हालांकि, अपने संबोधन रूसी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर प्रत्यक्ष रूप से निशाना साधने से गुरेज ही किया है, लेकिन परोक्ष रूप से जो कुछ भी कहा है, उसे लेकर अभी विश्व पटल पर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि सीरिया और ईराक में युद्ध के दौरान स्थिति को भयावह करने में पश्चिम देशों के राष्ट्रध्यक्षों का प्रमुखता से हाथ रहा है। बता दें कि ऐसा कहकर उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को निशाने पर लिया।

पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि रूस-यूक्रेन ने सैन्य अभियान भी शुरू कर दिया है। पुतिन ने स्पष्ट कर दिया है कि हमने वार्ता के जरिए तमाम समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन जब कोई बात नहीं, तो ऐसा कदम उठाना पड़ा। उन्होंने यूक्रेन की सामरिक जरूरतों की पूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि रूस ने  हमेशा से ही पश्चिम देशों के साथ वार्ता की पेशकश की थी, लेकिन हमारी पेशकश ठुकरा दी गई।

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