News Room Post

यूएई और इजरायल के बीच हुए समझौते से भड़का पाकिस्तान, पाकिस्तानी जमकर निकाल रहे अपनी भड़ास

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पहल पर इजरायल और UAE के बीच ऐतिहासिक समझौता हो चुका है। इस समझौते के साथ ही इस्राइल और संयुक्त अरब अमीरात, के बीच बीते कई दशकों से चली आ रही दुश्मनी का खात्मा हो गया है। दोनों देश एक दूसरे देशों में अब अपना दूतावास भी खोलेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा साझा किए गए संयुक्त बयान के अनुसार, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और आबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जाएद दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने को लेकर राजी हो गए हैं।

बयान में कहा गया है कि ये कदम मीडिल ईस्ट में शांति स्थापित करेगा। बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के डेलीगेशन द्विपक्षीय समझौतों को लेकर आने वाले समय में बैठकें करेंगे। इन बैठकों में व्यापार, निवेश, टूरिज्म, फ्लाइट्स, सुरक्षा, टेलिकम्यूनिकेशन, हेल्थकेयर सहित कई क्षेत्रों पर बातचीत होगी। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि आज हमारे दो मित्र देशों के बीच हिस्टोरिक पीस एग्रीमेंट हुआ है। ये बहुत बड़ी बात है। इस खबर को UAE के क्राउन प्रिंस शेख Mohamed bin Zayed Al Nahyan और इजरायल के प्राइम मिनिस्टर बेंजामिन नेतनयाहू ने भी कंफर्म किया। दोनों लीडर्स ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस नए बाइलैट्रल एग्रीमेंट और रिलेशन का जिक्र किया।

प्रेसिडेंट ट्रंप ने UAE और इजरायल को लेकर एक ज्वाइंट स्टेटमेंट भी जारी किया, इसमें कहा गया है कि इस ऐतिहासिक एग्रीमेंट से ना सिर्फ दोनों मुल्कों के बीच रिश्ते सामान्य होंगे बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट रीजन में शांति स्थापित करने में भी अहम साबित होगा। एग्रीमेंट में कहा गया है कि इजरायल-फिलिस्तीन कॉन्फ्लिक्ट के रिसॉल्यूशन के लिए दोनों देश काम करते रहेंगे और इसके साथ ही ये भी तय हुआ है कि मुसलमान अब येरुशलम में मौजूद मस्जिद ए अक्सा में बिना रोक टोक नमाज अदा कर सकेंगे। ये वो मस्जिद हैं जिसे लेकर इजरायल और अरब मुल्कों के बीच काफी लंबा संघर्ष रहा है, वैसे आज ये भी तय हुआ है कि येरूशलाम के दूसरे पवित्र स्थान भी सभी धर्मों के लोगों के लिए खुले रहेंगे।

वहीं इजरायल और UAE के साथ आने पर सबसे अधिक परेशानी पाकिस्तान को हो रही है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पाकिस्तान इजरायल को अपना दुश्मन देश मानता है। इसके चलते वो नहीं चाहता कि इजरायल से मुस्लिम देश दोस्ती करें। ऐसे में इस एग्रीमेंट के चलते पाकिस्तान में लोग इसको लेकर काफी बुरी तरह भड़के हैं।

दरअसल, एक तरफ अधिकांश पाकिस्तानी जहां अपने आपको अरब सभ्यता से जोड़ते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ वे इस्राइल को यहूदियों के प्रभाव वाला देश होने के नाते अपना जानी दुश्मन मानते हैं। यहां तक कि पाकिस्तान के पासपोर्ट पर भी लिखा होता है कि ‘यह इस्राइल को छोड़कर दुनिया के सभी देशों के लिए मान्य है।’ ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात और इस्राइल के बीच हुआ यह समझौता पाकिस्तानियों को रास नहीं आया है और वे सोशल मीडिया पर जमकर बवाल काटे हुए हैं। हालांकि पाकिस्तान के हुक्मरानों के सामने इस मामले में चुप्पी साधना ही बेहतर है, क्योंकि खराब आर्थिक हालात के चलते वे विरोध करने की हालत में भी नहीं हैं।

पाकिस्तानी इस डील पर किस हद तक भड़के हुए हैं इसका अंदाजा उनके ट्वीट्स को देखकर लगाया जा सकता है। @fat_a8 नाम के एक ट्विटर हैंडल से इस डील को लानत भेजने की बात कही गई है, तो @irizmemon नाम के हैंडल ने तुर्की को पाकिस्तानियो का सच्चा दोस्त बताया है। बता दें कि हाल ही में तुर्की ने कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का खुलकर साथ दिया है और ऐसा करने वाले दुनिया के चंद देशो में वह भी शामिल है। पहले मलेशिया ने भी कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान का साथ दिया था, लेकिन भारत की नाराजगी के बाद उपजे हालातों से उसने अपने कदम पीछे खींच लिए।

सऊदी अरब और अन्य अरब देशों द्वारा हाल में लिए गए कुछ फैसलों ने पाकिस्तानियों को बुरी तरह झिंझोड़ कर रख दिया है। पाकिस्तान ने कश्मीर मसले को OIC में उठाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन सऊदी अरब के प्रभाव वाले इस संगठन ने उसकी मांग को भाव ही नहीं दिया। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सऊदी अरब पर ही भड़क गए। सऊदी को कुरैशी का बड़बोलापन पसंद नहीं आया और उसने पाकिस्तान को दिए गए कर्ज में से एक अरब डॉलर वापस मांग लिए। बस, इसी के बाद से कभी अरबों को अपना पूर्वज बताने वाले पाकिस्तानी आजकल तुर्की पर फिदा हैं।

Exit mobile version