कीव। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और बढ़ता जा रहा है और इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की के एक फेसबुक पोस्ट ने हालात की गंभीरता का बयान कर दिया है। जेलेंस्की ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि रूस ने यूक्रेन पर हमला करने की तारीख 16 फरवरी मुकर्रर की है। इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि रूस 20 फरवरी तक यूक्रेन पर हमला करेगा। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। हालांकि, उनके एक लाख से ज्यादा सैनिक यूक्रेन की सीमा पर डटे हैं। खबर है कि रूस ने अपने लड़ाकू विमानों में किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल भी तैनात की है। ये मिसाइल आवाज से 10 गुना तेजी से उड़ान भरती हैं और परमाणु बम भी ले जा सकती हैं।
रूस ने बेलारूस में भी अपने जवान तैनात किए हैं और काला सागर में उसके 30 युद्धपोत लगातार युद्धाभ्यास कर रहे हैं। वहीं, यूक्रेन की सेना भी 10 दिन के युद्धाभ्यास में जुटी है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इस बीच, उम्मीद जताई है कि वो नहीं मानता कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने का फैसला किया है, लेकिन वो बिना चेतावनी के भी ऐसा कर सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जंग की आशंका को टालने के लिए जर्मनी के चांसलर यूक्रेन पहुंचे और अब वो मॉस्को भी जाएंगे। जबकि, ब्रिटिश रक्षा मंत्री जेम्स हिप्पी ने बयान दिया है कि रूस बिना नजर में आए भी हमले के और तरीके तलाश सकता है।
हालात के मद्देनजर अमेरिका ने अपने बी-52 बमवर्षक लंदन में तैनात किए हैं। ऐसे 4 विमान अमेरिका के डकोटा से लंदन पहुंचे हैं। इन विमानों में परमाणु बम लगाकर गश्त भी कराई गई है। नाटो देशों की सैनिक टुकड़ियां भी पोलैंड पहुंची हैं। रूस दरअसल नाटो देशों से गारंटी चाहता है कि वो यूक्रेन और पूर्व सोवियत संघ के देशों को अपना सदस्य नहीं बनाएगा और यूक्रेन में हथियारों की तैनाती रोकेगा, लेकिन नाटो और उसके सदस्य देशों ने ऐसी कोई गारंटी देने से साफ इनकार कर दिया है।