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UNSC Meeting: मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मंच पर चीन को दी पटखनी, UNSC बोला- सच है भारत की बात

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नई दिल्ली। पीएम बनने से पहले नरेंद्र मोदी लगातार कहते थे कि चीन को लाल-लाल आंख दिखाना जरूरी है। अब वह यही कर रहे हैं। ताजा मामले में मोदी ने दुनिया के सबसे बड़े मंच पर चीन को पटखनी दे दी है। यह वही मंच है, जहां वीटो पावर रखने वाला चीन कई बार भारत पर दादागीरी दिखा चुका है। सोमवार को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद UNSC की बैठक की अध्यक्षता की थी। उस दौरान उन्होंने समुद्री सुरक्षा का मसला उठाया था। चर्चा के दौरान भारत ने चीन को कड़ा संदेश दिया था और कहा था कि अंतरराष्ट्रीय जल मार्ग किसी एक का नहीं है। भारत ने साफ कहा था कि 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय समुद्र के इलाके में गतिविधियों के लिए कानून बन चुका है। सुरक्षा परिषद ने भारत के इस बयान को स्वीकार कर लिया है।

भारत का बयान स्वीकार कर लिए जाने से चीन को तिलमिलाहट जरूर हुई होगी। बता दें कि चीन लगातार दक्षिणी चीन सागर पर अपना हक बताता है। वह इस इलाके के अन्य देशों को दक्षिणी चीन सागर में कोई गतिविधि नहीं करने देता। साथ ही उसने दक्षिणी चीन सागर में मिट्टी का ढेर इकट्ठा कर अप्राकृतिक टापू भी बना लिए हैं। आए दिन चीन की नौसेना और यहां गश्त लगाने वाले अमेरिकी नौसेना के जंगी जहाजों के बीच तनाव का माहौल बनता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत टीएस तिरुमूर्ति ने वीडियो संदेश में कहा है कि सुरक्षा परिषद में समुद्री सुरक्षा पर हुई बैठक ऐतिहासिक रही। उन्होंने कहा कि इस बैठक में पहली बार समुद्री सुरक्षा के बारे में अध्यक्ष के बयान को मान लिया गया है। इस बयान में समुद्र में डकैती, लूट और अंतरराष्ट्रीय अपराध के अलावा साफ तौर पर समुद्र में गतिविधि के हर देश के हक की बात की गई है। भारत के बयान को सुरक्षा परिषद में माने जाने को चीन के लिए कड़ा संदेश बताया जा रहा है। उसे परोक्ष तौर पर कह दिया गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का वो फैसला माने, जिसमें कहा गया था कि दक्षिणी चीन सागर पर चीन का ही अकेले हक नहीं है।

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