कीव। तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के बीच अमेरिका ने यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित अपने दूतावास को फिलहाल बंद कर दिया है। अमेरिका ने अपने दूतावास स्टाफ और यूक्रेन में अपने नागरिकों से सचेत रहने के लिए भी कहा है। वहीं, यूरोप के कई देशों में परमाणु हमले का डर पनपा है और उन्होंने अपने नागरिकों को भोजन वगैरा इकट्ठा करने की सलाह दी है। जबकि, ताजा खबरों के मुताबिक रूस ने जगह-जगह परमाणु रोधी बंकर बनाने शुरू किए हैं। ये सबकुछ इसलिए हो रहा है क्योंकि यूक्रेन ने अमेरिका की मंजूरी के बाद रूस पर कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया। इस हमले के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपने देश की परमाणु हमले की नीति में बदलाव किया है।
व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन की तरफ से अमेरिका में बनी बैलेस्टिक मिसाइलों से हमले के बाद परमाणु नीति बदली है। रूस की परमाणु नीति के जिस आदेश पर पुतिन ने दस्तखत किए, उसमें कहा गया है कि अगर कोई गैर परमाणु शक्ति वाला देश किसी परमाणु शक्ति वाले देश के हथियार से हमला करता है, तो रूस उसके खिलाफ परमाणु हथियार का इस्तेमाल कर सकता है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति और पीएम रहे दिमित्री मेदवेदव ने तो साफ कह दिया है कि रूस के साथ नाटो ने जंग शुरू की है और इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। रूस ने पहले ही कहा था कि अगर यूक्रेन ने बैलेस्टिक मिसाइलें दागीं, तो उसके जवाब में वो बड़ी कार्रवाई करेगा। रूस का कहना है कि यूक्रेन ने बीते दिनों अमेरिका से मिली ATACMS बैलेस्टिक मिसाइलें दागीं। जिनमें से 5 को उसने हवा में ही नष्ट किया और एक का मलबा नीचे गिरा।
रूस और यूक्रेन की जंग को 1000 दिन भी हो चुके हैं। रूस की तरफ से परमाणु हथियार से हमले की नीति बदले जाने के बाद स्वीडन, फिनलैंड वगैरा ने अपने नागरिकों को भोजन वगैरा संग्रह करने की सलाह दी है। साथ ही परमाणु बम से होने वाले रेडिएशन से बचने के लिए आयोडीन के टैबलेट भी रखने के लिए कहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पद छोड़ने से पहले यूक्रेन को रूस पर बैलेस्टिक मिसाइल से हमला करने की मंजूरी दी थी। इस मसले पर नए चुने गए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे ने बाइडेन पर तीसरा विश्व युद्ध भड़काने की कोशिश का आरोप भी लगाया है।