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VIDEO: सिलिकॉन वैली पर सुलगते सवालों से डरे अमेरिकी राष्ट्रपति, मीडियाकर्मियों को देखकर भागे जो बाइडन

जिस तरह से अमेरिका में लगातार दो बैंकों में ताले लगे हैं, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है, वहां कुछ ठीक नहीं है या अमेरिका की आर्थिक प्रणाली राष्ट्रपति जो बाइडन संभाल नहीं पा रहे हैं। बता दें कि सिलिकॉन के बाद अमेरिका का सिग्नेचर बैंक भी बंद हो गया।

नई दिल्ली। अमेरिका की मौजूदा आर्थिक स्थिति काफी लचर प्रतीत हो रही है। जिस तरह वहां बैंकों के दरवाजे बंद हो रहे हैं, उससे साफ है कि अमेरिका में अभी आर्थिक स्थिति दयनीय है। जरा ध्यान रहे, ये वही लोग हैं, जो कल तक हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी उपक्रम की बर्बादी का जश्न मना रहे थे, लेकिन अब इनकी ही आर्थिक स्थिति विकराल हो चुकी है। क्या अब हमें भी इन लोगों पर हंसना चाहिए? यह अपने आप में विवेचनात्मक प्रश्न है। खैर, यहां हम इन प्रश्नों के बारे में नहीं, बल्कि अमेरिका में जिस तरह बैंकों के दरवाजों पर ताले लगते जा रहे हैं, उसके बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

जिस तरह से अमेरिका में लगातार दो बैंकों में ताले लगे हैं, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है, वहां कुछ ठीक नहीं है या अमेरिका की आर्थिक प्रणाली राष्ट्रपति जो बाइडन संभाल नहीं पा रहे हैं। बता दें कि सिलिकॉन के बाद अमेरिका का सिग्नेचर बैंक भी ताला लग चुका है। इससे जहां अमेरिका को आर्थिक मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है, तो कई कर्मचारियों को भारी बेरोजगारी का शिकार होना पड़ा है। वहीं इस बीच जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडन से मीडियाकर्मियों ने सिलिकॉन बैंक बंद होने के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने एक शब्द भी अपनी जुबां से निकालने की जहमत नहीं उठाई। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि वो मीडियाकर्मियों के सवालों से खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पा रही है।


वहीं, दूसरी तरफ मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब ना देकर वे खुद को भी सवालों के कठघरे में खड़ा कर रहे हैं और खुद की ही कार्यशैली पर सवालिया निशाना लगा रहे हैं। उधर, जिस तरह से अमेरिका के दो बैंक पिछले दिनों दिवालियापन का शिकार होकर बंद हुए हैं, उसे लेकर अमेरिका की सियासी से लेकर आर्थिक गलियारों में बहस का बाजार गुलजार हो चुका है। हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है, जब बाइडन इस तरह से मीडिया के सुगलते सवालों से भागे हैं, बल्कि इससे पहले वे चीन द्वारा गुब्बारे से जासूसी करने के प्रकरण को लेकर भी मीडियाकर्मियों से तीखे सवालों से बचते नजर आए थे , जिसे लेकर उन्हें विपक्षी दलों की तरफ से आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था।

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