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Russia Attacks Ukraine: फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को पुतिन की दो टूक, मानो ये मांगें तो बंद करूंगा यूक्रेन पर हमला

macron putin

मॉस्को। यूक्रेन पर बीते गुरुवार से हमला करने का आदेश देने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जंग को खत्म करने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों और अमेरिका से कहा है कि अगर ये शर्तें मान ली जाती हैं, तो रूसी सेना यूक्रेन से वापस बुला ली जाएगी। पुतिन ने ये शर्तें सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के टेलीफोन कॉल पर बातचीत करते हुए रखी। मैक्रों ने पुतिन को फोन करके ये कहा था कि वो अपनी सेना को यूक्रेन में आम लोगों और उनके घरों पर हमला न करने के आदेश दें। इसी दौरान मैक्रों ने पुतिन से युद्ध खत्म करने के लिए भी कहा। इस पर रूसी राष्ट्रपति ने अपनी शर्तें रख दीं।

रूस की सरकार की ओर से बताया गया है कि पुतिन ने युद्ध रोकने के लिए कई मांगें की हैं। इनमें से दो खास हैं। पुतिन ने मैक्रों से कहा कि यूक्रेन के मसले का समाधान तभी हो सकता है, जब रूस के सुरक्षा हितों पर पश्चिमी देश और अमेरिका विचार करें और कदम उठाएं। पुतिन ने फ्रांस के राष्ट्रपति के सामने जो मांगें रखी हैं, उनमें सबसे अहम यूक्रेन का विसैन्यीकरण है। यानी यूक्रेन में यूरोपीय देश, अमेरिका या नाटो की सेनाएं नहीं होंगी। इसके अलावा उन्होंने क्रीमिया पर रूस की संप्रभुता को मान्यता देने की मांग भी रखी है।

रूस की सरकार के मुताबिक पुतिन ने मैक्रों से साफ कह दिया कि अगर उनकी ये दो मांगें अभी मान ली जाती हैं और इस बारे में लिखित में समझौता किया जाता है, तो वो तुरंत युद्ध खत्म करने का आदेश दे देंगे। पुतिन ने एक और मांग रखी है कि यूक्रेन की सरकार और उसकी सेना को नाजी विचारधारा से मुक्ति दिलानी होगी और उसे तटस्थ रहना होगा। बता दें कि पुतिन ने ये आरोप लगाकर ही यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया था। साथ ही उनका ये भी कहना है कि अगर यूक्रेन नाटो का सदस्य बना, तो इससे रूस को बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। पुतिन ने अमेरिका और नाटो पर ये आरोप भी लगाया है कि पूर्व सोवियत संघ के विघटन के बाद उन्होंने नाटो का प्रसार रूस की तरफ न करने का वचन दिया था, लेकिन इसे निभाया नहीं गया।

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