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Qatar: ‘हम भी मुस्लिम देश, हमसे सीखो देश चलाना’, नाराज कतर ने तालिबान को पढ़ाया पाठ

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नई दिल्ली। अफगानिस्तान में अपनी सरकार बना चुका तालिबान अब दुनिया के बाकी देशों की तरह मान्यता पाना चाहता है इसके लिए वो अतरराष्ट्रीय सत्र पर अपनी जगह बनाने के लिए पूरी जी जान लगा रहा है। लेकिन तालिबान अब अपने लिए गए फैसलों को लेकर अपने ही सहयोगियों के निशाने पर आ गया है। तालिबान को खुले दिल से साथ देने वाला देश कतर फिलहाल इस संगठन (तालिबान) से काफी नाराज नजर आ रहा है। कतर के एक टॉप डिप्लोमैट ने तालिबान में बनाए जा रहे नियम-कानूनों को लेकर नाराजगी जताई है। डिप्लोमैट ने कहा है कि लड़कियों की शिक्षा को लेकर तालिबान जिस तरह का रवैया दिखा रहा है वो निराशाजनक है। तालिबान के ये फैसले उसे दूसरे देशों के मुकाबले पीछे धकेल देगा।

कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अफगानिस्तान में लड़कियों की एजुकेशन पर रोक लगाने के फैसले को निराशाजनक बताया और कहा कि जिस तरह के फैसले लिए गए हैं उन्हें देखकर निराशा होती है। तालिबान के ये फैसले अफगानिस्तान को काफी पीछे ले जाएंगे। इसके आगे रहमान अल थानी ने कहा कि अगर वाकई तालिबान को एक इस्लामिक सिस्टम अपने देश में चलाना है तो तालिबान को कतर से सीख लेनी चाहिए।

तालिबान हमसे सीखे- शेख मोहम्मद

शेख मोहम्मद ने कहा कि हमे लगातार तालिबान से संपर्क बनाए रखने की जरूरत है और उन्हें ये समझाने की भी जरूरत है कि वो इस तरह के विवादित एक्शन से दूरी बनाए रखें। इसके अलावा हम उन्हें ये भी समझाने और दिखाने की कोशिश करेंगे कि एक इस्लामिक देश होकर कैसे कानूनों को चलाया सकता है और कैसे महिलाओं के मुद्दों के साथ डील किया जाता है। इसके आगे उन्होंने कहा कि कतर एक उदाहरण है जो एक मुस्लिम देश है। हमारा सिस्टम इस्लामिक सिस्टम है लेकिन जब भी बात वर्क फोर्स या एजुकेशन की होती है तो पुरूषों के मुकाबले कतर में महिलाएं आपको ज्यादा मिलेंगी। शेख मोहम्मद ने तालिबान से उम्मीद जताई है वो अफगानिस्तान में बेहतर ढंग से काम करेगी। अफगानी लोगों की बेहतरी के लिए काम करा पाएगा।

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