नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच युद्ध का आज आठवां दिन है। बीते सात दिनों की बात करें तो दोनों ही देशों के द्वारा एक दूसरे पर मिसाइल अटैक जारी हैं। इस सैन्य संघर्ष में ईरान के साथ-साथ इजरायल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इजरायल ने जहां ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया तो वहीं ईरान ने इजरायल पर क्लस्टर बम से हमला किया है। बताया जा रहा है कि ईरान ने इजरायल के सोरोका अस्पताल में क्लस्टर बम के द्वारा हमला किया है। आइए आपको बताते हैं ये क्लस्टर बम क्या होता है और कितना खतरनाक है?
क्लस्टर बम को एक विशेष टेक्निक से बनाया जाता है। यह बेसिकली एक बड़ा बम होता है और इसके अंदर कई सारे छोटे बम जिनको बॉमलेट्स कहा जाता है वो होते हैं। क्लस्टर बम को ड्रोन या मिसाइल से दागा जाता है। इस बम की खासियत यह होती है कि जब यह अपने टारगेट पर पहुंचता है जिसे हिट करना है, तो उसके ऊपर पहुंच कर बम खुल जाता है और उसके अंदर से बहुत सारे छोटे छोटे बॉमलेट्स निकलकर आस पास के पूरे एरिया में गिरते हैं जिसके बाद उनमें विस्फोट हो जाता है। इस तरह से एक क्लस्टर बम के जरिए काफी बड़ी जगह को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक क्लस्टर बम का प्रभाव फुटबॉल के मैदान जितने बड़े हिस्से तक हो सकता है। इनका इस्तेमाल तब किया जाता है जब बड़े इलाके में अलग-अलग फैले टारगेट्स को हिट करना हो। कई बार ऐसा भी होता है जब क्लस्टर बम के कुछ बॉमलेट्स फटते नहीं है बल्कि जमीन में गिरकर वो छुपे हुए बम बन जाते हैं जो लोगों की जान के लिए खतरा बने रहते हैं। बहुत से देशों ने क्लस्टर बमों पर प्रतिबंध लगाने के लिए इंटरनेशनल डील पर साइन किया है।