नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने साथ दक्षिणी फ्रांस के कैडारैचे में स्थित इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) का दौरा किया। ITER के महानिदेशक ने पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों का स्वागत किया। यह किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख द्वारा ITER का पहला दौरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ITER परियोजना पर काम करने वाली टीम की सराहना की, जो भविष्य के लिए टिकाऊ और असीमित स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक सराहनीय कदम का प्रतिनिधित्व कर रही है। आइए आपको बताते हैं इस प्रोजेक्ट क्यों इतना खास है-
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″><p lang=”hi” dir=”ltr”>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आज संयुक्त रूप से कैडारैचे में अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (ITER) का दौरा किया। ITER के महानिदेशक ने नेताओं का स्वागत किया। यह किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख द्वारा ITER का पहला… <a href=”https://t.co/Yb0UxapDpU”>pic.twitter.com/Yb0UxapDpU</a></p>— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1889655451748540644?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 12, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
ITER दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी संलयन ऊर्जा परियोजनाओं में से एक है। आसान शब्दों में कहें तो इस ITER प्रोजेक्ट के जरिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की टीम धरती पर छोटा कृत्रिम सूर्य बनाने की कोशिश कर रही है। ITER प्रोजेक्ट का उद्देश्य पूरी दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा की असीमित सप्लाई करने का है। विज्ञान के मुताबिक सूरज और दूसरे सितारों में न्यूक्लियर फ्यूजन से ऊर्जा उत्पत्र होती है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, अब ITER प्रोजेक्ट के जरिए इसी तरह के न्यूक्लियर फ्यूजन की प्रक्रिया को वैज्ञानिक धरती पर कृत्रिम रूप से करने के प्रयास में लगे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है इस कृत्रिम न्यूक्लियर फ्यूजन के जरिए किसी भी तरह का हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं होगा। इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Went to the International Thermonuclear Experimental Reactor (ITER) in Cadarache with President <a href=”https://twitter.com/EmmanuelMacron?ref_src=twsrc%5Etfw”>@EmmanuelMacron</a>. Complimented the team working on this project, which represents a commendable step toward sustainable and limitless clean energy for the future. <a href=”https://t.co/LaBEpTIc3g”>pic.twitter.com/LaBEpTIc3g</a></p>— Narendra Modi (@narendramodi) <a href=”https://twitter.com/narendramodi/status/1889662535051116994?ref_src=twsrc%5Etfw”>February 12, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
प्रोजेक्ट में भारत का विशेष योगदान
21वीं सदी के सबसे महंगे मेगा साइंस प्रोजेक्ट ITER में भारत की भी भागीदारी है। 22 बिलियन यूरो से अधिक लागत वाले ITER प्रोजेक्ट में भारत और फ्रांस के अलावा अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ (ईयू) भी साझेदार हैं। ITER प्रोजेक्ट में भारत का बहुत बड़ा योगदान है। भारत ने दुनिया के सबसे बड़े रेफ्रिजरेटर में स्थापित किया गया है। 3,800 टन से अधिक वजन वाले इस रेफ्रिजरेटर को गुजरात में तैयार किया गया है।